इनकम टैक्स कितनी आय पर लगता है? जाने इनकम टेक्स जुडी कुछ महत्वपूर्ण बाते

इनकम टैक्स एक प्रकार का टैक्स है जो पैसा कमाने वाले लोगों या व्यवसायों से वसूला जाता है। इसे हिंदी में “आयकर” कहा जाता है, और ये टैक्स कानून के अनुसार करदाताओं को प्रत्येक वर्ष अपनी इनकम रिटर्न के हिसाब से दाखिल (Pay) करना ही पड़ता है। और आप इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे की इनकम टैक्स कब लगाया जाता है? जाने इनकम टैक्स जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें। 

इनकम टैक्स कितनी आय पर लगता है?

अगर आपकी सालाना आय (Income) 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन आपकी इनकम 2.5 लाख रुपये से तो 5 लाख रुपए तक है तो आपको अपनी सालाना में से 5% हिस्सा आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना पड़ेगा। नीचे आपको नए व पुराने इनकम टैक्स के स्लैब बारे सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। 

आयकर स्लैब और दरें (Income Tax Slabs & Rates)

वित्त मंत्री ने 2022 के केंद्रीय बजट में एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की है। इस नए टैक्स सिस्टम में अलग-अलग तरह की इनकम के लिए अलग-अलग रेट हैं। उदाहरण के लिए, जो लोग कम पैसे कमाते हैं वे अधिक पैसे कमाने वालों की मुकाबले कम टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। 

इनकम टैक्स के स्लैबनए इनकम टैक्स स्लैब अनुसार पुराने इनकम टैक्स स्लैब अनुसार 
₹0 – ₹2,50,000 लाख o%0%
₹2,50,001 – ₹ 5,00,000 लाख 5%5%
₹5,00,001 – ₹ 7,50,000 लाख ₹12500 + ₹5,00,000 लाख से अधिक आय पर 10% टैक्स लगता है. ₹12500 + ₹5,00,000 लाख से अधिक आय पर 20% टैक्स लगता था।  
₹7,50,001 – ₹ 10,00,000 लाख ₹37500 + ₹7,50,000 लाख से अधिक आय पर 15% टैक्स लगता है।  ₹62500 + ₹7,50,000 लाख से अधिक आय पर 20% टैक्स लगता था। 
₹10,00,001 – ₹12,50,000 लाख ₹75000 + ₹10,00,000 लाख से अधिक आय पर 20% टैक्स लगता है. ₹112500 + ₹10,00,000 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता था। .  
₹12,50,001 – ₹15,00,000 लाख ₹125000 + ₹12,50,000 लाख से अधिक आय पर 25% टैक्स लगता है। ₹187500 + ₹12,50,000 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता था। 
के ऊपर ₹ 15,00,000 लाख ₹187500 + ₹15,00,000 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता है। ₹262500 + ₹15,00,000 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता था। . 
NOTE
कृपया ध्यान दें कि नए टैक्स सिस्टम में टैक्स के रेट सभी श्रेणियों (Categories) के व्यक्तियों के लिए समान हैं। और 60 वर्ष कम, 60 वर्ष से अधिक,या 80 वर्ष से अधिक व्यक्तियों के लिए कोई भी टैक्स की छूट नहीं हैं। 

60 से 80 वर्ष के व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स स्लैब 

वित्त मंत्री ने 2022 के केंद्रीय बजट में 60 से 80 वर्ष के व्यक्तयों (सीनियर सिटिज़न) के लिए नई टैक्स व्यवस्था पेश की है। 

इनकम टैक्स के स्लैब  नए इनकम टैक्स स्लैब अनुसार 
₹0 – ₹2,50,000 लाख o%
₹2,50,001 – ₹ 5,00,000 लाख 5%
₹5,00,001 – ₹ 7,50,000 लाख ₹12500 + ₹5,00,000 लाख से अधिक आय पर 10% टैक्स लगता है. 
₹7,50,001 – ₹ 10,00,000 लाख ₹37500 + ₹7,50,000 लाख से अधिक आय पर 15% टैक्स लगता है।  
₹10,00,001 – ₹12,50,000 लाख ₹75000 + ₹10,00,000 लाख से अधिक आय पर 20% टैक्स लगता है. 
₹12,50,001 – ₹15,00,000 लाख ₹125000 + ₹12,50,000 लाख से अधिक आय पर 25% टैक्स लगता है। 
के ऊपर ₹ 15,00,000 लाख ₹187500 + ₹15,00,000 लाख से अधिक आय पर 30% टैक्स लगता है। 

इनकम टैक्स का पैसा कहा जाता है? 

देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए सरकार को भी पैसे की जरूरत होती है। किसी देश को विकसित करने के लिए, आपको अलग-अलग सोर्स से आय उत्पन्न करने की आवश्यकता होती है। जिससे देश में ज्यादा रोजगार , और उत्पादन होता है वहां के हर व्यक्ति की इनकम भी ज्यादा होती है तथा सरकार को भी अच्छा खासा पैसा मिलता है जिसे स्वास्थ्य, शिक्षा, रिसर्च, सड़क, इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि सोर्स पर खर्च किया जाता है।

अधिभार (Overload) टैक्स क्या है?

अधिभार एक अतिरिक्त टैक्स है जो उन व्यक्तियों पर लगाया जाता है, जो व्यक्ति एक निश्चित से बहुत अधिक पैसा कमाते हैं, इस टैक्स में सबसे ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न देना पड़ता है. 

  • 50 लाख से 1 करोड़ तक की इनकम पर 10% टैक्स देना पड़ता है। 
  • 1 करोड़ से 2 करोड़ तक की इनकम पर 15% टैक्स देना पड़ता है।
  • 2 करोड़ से 5 करोड़ तक की इनकम पर 25% टैक्स देना पड़ता है।
  • 5 करोड़ से अधिक इनकम कमाने पर 37% टैक्स देना पड़ता है। 

FAQ – Income Tax in Hindi 

इनकम टैक्स स्लैब क्या है? 

इनकम टैक्स स्लैब आपको यह पता लगाने में मदद करता है कि आपकी इनकम के आधार पर आपको कितना टैक्स देना होगा। 

होम लोन पर टैक्स की कितनी छूट है

यदि आप अपने होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट का दावा (Clam) करना चाहते हैं, तो आपको होम लोन की क़िस्त पर किए गए ब्याज भुगतान के बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताना होगा। आप इस जानकारी की पुष्टि (Confirmation) करने के लिए आपको बैंक से एक इंरेस्ट लेटर बनवाना होगा, फिर, आपको इस जानकारी को अपने टैक्स रिटर्न में शामिल करना होगा। 

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