क्या आप जानते हैं कि कुछ वित्तीय संसाधनों में निवेश करने से आपकी टैक्स योग्य आय कम हो सकती है? ये (Section)धारा इनकम टैक्स कटौती का दावा करने के लिए भी उपयोगी है, और समय के साथ संपत्ति बनाने में आपकी सहायता कर सकते हैं। आइए जानते धारा 80सी, इसकी सीमाएं, 80 सी कटौती, और विभिन्न कर-बचत निवेश विकल्पों पर विचार करें जिन पर आपको विचार करना चाहिए।
सेक्शन 80C क्या है?
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी (Section 80C) एक इनकम टैक्स विभाग का नियम है जो आपको जमा(Deposit), निवेश(Invest) और निश्चित लागत(Fixed cost) जैसे खर्चों पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट लेने का हक देता है।
यह छूट केवल व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवारों(HUF) के लिए उपलब्ध है, यह धारा कंपनियों, फर्मों या कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए नहीं। आप प्रत्येक वर्ष 31 जुलाई से पहले छूट के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इस सेक्शन के अलावा 80 सी, 80 सीसीसी, और 80 सीसीडी के तहत आप इनकम टैक्स में छूट ले सकते है।
सेक्शन 80C में छूट कैसे मिलती है?
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80 सी के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक की इनकम के लिए टैक्स कटौती का दावा करने की अनुमति देती है।इसका मतलब है की आप इस सेक्शन के तहत आप अपनी कुल सालाना इनकम में से 1.50 लाख रुपए घटा सकते हैं।
यह उस वर्ष के लिए आपकी टैक्स योग्य इनकम को 1.5 लाख कम कर देता है। उस घटाई हुई इनकम पर आपको इनकम टैक्स स्लैब में रखकर गणना करनी होती है। इससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।
उदाहरण से समझिए आपकी सालाना इनकम 10 लाख रुपये है, और आपने PPF, सुकन्या समृद्धि योजना और राष्ट्रीय बचत जैसी विभिन्न बचत योजनाओं में 1.50 लाख रुपये या उससे अधिक का निवेश किया है। और आपकी इनकम 10 लाख रुपये है, तो आप उसमें से 1.5 लाख घटा देंगे, जिससे आपके पास 8.5 लाख रुपये बचेंगे। यहां से आप बची हुई रकम के आधार पर अपना इनकम टैक्स कैलकुलेट करेंगे, जो कि 8.5 लाख रुपए होगा।
टैक्स छूट किन किन निवेशों और खर्चों पर मिलती है?
सेक्शन 80C के तहत आप कर्मचारी भविष्य निधि, PPF अकाउंट, वरिष्ठ नागरिक योजना,राष्ट्रीय बचत पत्र,सुकन्या समृद्धि योजना, ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम, टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट, लाइफ इन्सुरेंस, बच्चों की स्कूल या कोचिंग फीस, राष्ट्रीय पेंशन योजना, इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं, सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जैसे अदि निवेशों या खर्चो पर आप सेक्शन 80C के तहत आप टैक्स छूट में छूट प्राप्त कर सकते।
और इन खर्चो और निवेशों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गई है।
1. कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund-EPF)
निजी कर्मचारियों की ईपीएफ कटौती को भी धारा 80सी के तहत छूट दी गई है। यह कटौती आप अपने EPF पर हर साल 1.5 लाख रुपये तक ले सकते हैं।
EPF में कर्मचारी की सैलरी का 12% EPF में होता है और इतनी ही रकम कंपनी भी जमा करती है। लेकिन सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट सिर्फ कर्मचारी के हिस्से वाली जमा राशि पर ही मिलती है।
यह भी पढ़ें- पब्लिक प्रोविडेंट फंड(PPF) क्या हैं ? PPF अकाउंट के फायदे और कैसे ओपन करें
2. सामान्य भविष्य निधि (Public Provident Fund-PPF)
आप पोस्ट ऑफिस और बैंक में पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसमें सालाना 1.50 लाख तक जमा किया जा सकता है जो पूर्णता कर मुक्त रहता सेक्शन 80c के अंतर्गत।
3. वरिष्ठ नागरिक योजना (Senior Citizen Scheme)
यह खाता 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाकघर या बैंक में खोला जा सकता है। रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारी भी 55 वर्ष की आयु में भी खाता खुलवा सकते हैं। और इंडियन आर्मी के कर्मचारी 50 वर्ष की आयु में भी खाता खुलवा सकते हैं।
आप अपने वरिष्ठ नागरिक खाते में हर साल जमा राशि पर सेक्शन 80C के तहत 1.50 तक टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
4. राष्ट्रीय बचत पत्र (National Savings Certificate)
राष्ट्रीय बचत पत्र भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली एक बचत योजना है। आप किसी बैंक या डाकघर में खाता खोल सकते हैं, और आप 1000 रुपये से लेकर अधिकतम राशि तक राष्ट्रीय बचत पत्र खरीद सकते हैं।
आप अपने राष्ट्रीय बचत पत्र खाते में 1.5 लाख तक की जमा राशि पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
5. सुकन्या समृद्धि योजना
10 वर्ष से कम आयु की बालिका के लिए, यह खाता माता-पिता या कानूनी अभिभावक की ओर से खोला जा सकता है। और इसे बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है, और आपको हर साल कम-कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते है।
सुकन्या समृद्धि योजना में जमा पैसे पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिल सकती है। यह छूट प्रत्येक वर्ष 1.5 लाख रुपये तक जमा राशि पर लागू होती है।
6. ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट भी एक तरह का फिक्स्ड डिपॉजिट जैसा है। इसमें एक साल से तो पांच साल तक के लिए एफडी खाता खोला जा सकता है। आप इस खाते में कम-कम 1000 रुपये लेकर अधिकतम कितने भी पैसों की फिक्स्ड डिपॉजिट डाकघर में कराई जा सकती है।
इस पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट में केवल किसी एक साल के दौरान 1.50 लाख रुपए तक की जमा पर सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
7. टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट से अलग होती हैं। आपको बैंक को विशेष रूप से बताना होता है कि आप एक टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट जमा खाता खोलना चाहते हैं, और आपको कम से कम 5 साल के लिए इसमें पैसे जमा रखना पड़ेगा।
टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट में 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट में केवल किसी एक साल के दौरान 1.50 लाख रुपए तक की जमा पर सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
8. गृह ऋण (Home Loan)
अगर आपने किसी भी बैंक या किसी भी फाइनेंसिंग कंपनी से होम लोन लिया है, तो उसकी जितनी क़िस्त बनती है या जो किश्तों के रूप जितना धन ब्याज के साथ बापस किया है, उस पर भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
लेकिन इस टैक्स छूट को पाने की एक शर्त है। जिस होम लोन पर आप सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट ले रहे हैं, उसे 5 साल से पहले नहीं बेचा जा सकता है।
9. बच्चों की ट्यूशन फीस
दो बच्चों की पढ़ाई के लिए ट्यूशन फीस पर खर्च होने वाले पैसे पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. ध्यान रहे कि यह टैक्स छूट सिर्फ ट्यूशन फीस के रूप में किए गए भुगतान पर ही मिलती है। इस टैक्स छूट का इस्तेमाल किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में फुल टाइम पढ़ाई के लिए किया जा सकता है।
10. राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme-NPS)
भारत सरकार ने प्राइवेट कंपनी या क्षेत्र में काम करने वाले उन लोगों के लिए एक राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की है जिनके पास पहले से पेंशन प्रणाली नहीं है। 18 से 60 वर्ष के बीच का कोई भी व्यक्ति इस योजना में शामिल हो सकता है।
नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
11. इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं (Equity-Linked Savings Schemes-ELSS)
ELSS ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनमें टैक्स छूट मिलती है। इनका निवेश अवधि, कम से कम 3 साल की होती है। इससे मिलने वाला लाभ को लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की कैटेगरी में रखा गया है।
ELSS में किए गए निवेश पर केवल किसी एक साल के दौरान 1.50 लाख रुपए तक की जमा पर सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
सेक्शन 80C के अलावा भी बहुत सारी धाराएं है जो आपको अलग-अलग प्रकार से आपके इनकम टैक्स से छूट में सहयोग करती है, उन धाराओं को जानने के यहाँ क्लिक करे
FAQ- Section 80C In Hindi
धारा 80C क्या है?
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी निवेश या खर्चों पर 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती की अनुमति देती है।
सेक्शन 80C की टैक्स छूट सीमा कितनी है?
सेक्शन 80सी के तहत आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये टैक्स बचा सकते हैं। आप कितना बचा सकते हैं, इस पर आपको कोई न्यूनतम सीमा रखने की आवश्यकता नहीं है।
सेक्शन 80सी के