जैसे की आप जानते हैं हर देश का अपना बजट होता है, जिससे कि वह अपने खर्चों और आय को भली-भांति से नियंत्रित रख सके। आप भी बजट (Budget) बारे में जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे कि बजट क्यों बनाया जाता है? बजट से जुड़े हुए कुछ अनुदान
बजट क्यों बनाया जाता है?
हमें अपना पैसा बुद्धिमानी से खर्च करने की योजना की आवश्यकता है ताकि हम अपनी आय का प्रभावी (Effective) ढंग से उपयोग कर सकें। इसका मतलब यह पता लगाना है कि हम प्रत्येक वस्तु पर कितना पैसा खर्च की आवश्यकता है।
यह एक ऐसा बजट है जो इस बात की रूपरेखा तैयार करता है कि आने वाले वर्ष में सरकार किस तरह से धन जुटाएगी और किस तरह खर्च करेगी ऐसी योजना बजट कहते है।
सरकार को बजट बनाने की जरूरत इसलिए पड़ती है, क्योकि देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को सही ढंग से बनाये रखें क्योकि आय और खर्च की कोई योजना नहीं होगी तो आय के मुकबले खर्चे बढ़ जायेंगे और ऐसा होगा तो देश की अर्थव्यवस्था को भी गहरा असर पड़ सकता है। अगर देश की वित्तीय स्थिति (Financial Condition) को ठीक रखना है तो उसे एक बेहतर बजट बनाना ही पड़ता है|
बजट को बनाने से पहले आप निर्धारित कर लेते है की किन-किन चीजों लिए आपके पास पर्याप्त पैसे है। इसी प्रकार सरकार देश चलाने के लिए एक बजट बनाती है। बजट वित्त विभाग (Financial Department) द्वारा बनाया जाता है।
बजट से जुड़े हुए कुछ अनुदान
वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय के लिए संसद के पास सारी योजना है। लेकिन ये अनुदान बुरे समय में दिए जाते हैं, जैसे कि जब बजट की जरूरत बढ़ जाती हैं। बजट में कई अलग-अलग अनुदान होते हैं, और आपको नीचे हर एक अनुदान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
अनुपूरक अनुदान (Supplementary Grant)
संसद हर वर्ष एक निश्चित सेवा पर खर्च की जाने वाली राशि विभागों को देती है, लेकिन उपलब्ध धन पर्याप्त नहीं है, तो अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।
अतिरिक्त अनुदान (Additional Grants)
अगर चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कोई नई योजना सरकार लागू करती है। और उसमे धन की जरूरत है तो संसद इसके भुगतान के लिए आपातकाल अतिरिक्त अनुदान का उपयोग कर सकते हैं।
अधिक अनुदान (More Grant)
इस प्रकार की मांग तब होती है जब किसी योजना के लिए निर्धारित राशि से ज्यादा राशि खर्च हो जाती है। तो लोकसभा समिति के मंजूरी के बाद, लोकसभा में इस मांग पर मतदान करती है।
प्रत्ययानुदान (Grant of Credentials)
इस प्रकार की अनुदान मांग तब की जाती है जब सरकार को किसी सेवा या मद में सहायता के लिए तत्काल धन की आवश्यकता होती है। यह लोकसभा द्वारा कार्यपालिका को दिया गया ब्लैंक चेक होता है।
अपवादानुदान (Grant of Exception)
इसे विशेष या किसी दूसरे कार्यक्रम के लिए मंजूर किया जाता है तथा यह अनुदान वित्तीय वर्ष या सेवा से संबंधित नहीं होता है।
बजट कब घोषित किया जाता था?
बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के अंतिम दिनों में शाम 5 बजे घोषित किया जाता था। सौ साल से भी अधिक समय तक यह मामला चलता आ रहा था। यह प्रथा अंग्रेजों के जमाने से ही चली आ रही थी।
इस प्रथा को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के तहत बदल दिया गया था, जिन्होंने 2001 में एक नया कार्यक्रम पेश किया था जहाँ बजट पेश करने का समय सुबह 11 बजे से कर दिया गया था।
2016 में, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बजट पेश करने की नीति में बदलाव किया। अब 1 फरवरी को रेल बजट के साथ आम बजट पेश किया जाता है, जो पिछले 92 सालों से अलग से पेश किया जाता रहा है।
FAQ – Budget 2023 in Hindi
आम बजट क्या है?
देश के वित्त मंत्री हर वर्ष जनवरी माह के अंत में अगले वर्ष का आय व्यय का ब्यौरा पेश करते हैं। यानी वे आने वाले वर्ष में सरकार किस तरह से धन जुटाएगी और किस तरह खर्च करेगी ऐसी योजना आम बजट कहते है।
शून्य आधारित बजट क्या है?
शून्य आधारित बजट में शून्य को आधार माना जाता है और पिछले वर्ष के खर्च पर ध्यान नहीं दिया जाता है। भारत में इसकी शुरुआत 1983 में हुई।
भारत का वार्षिक बजट कैसे तय किया जाता है?
बजट में उस धनराशि की रूपरेखा दी जाती है जो आने वाले वर्ष में उपयोग के लिए सरकार के पास उपलब्ध होगी। भारत में वार्षिक बजट तैयार करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है।
कौन तैयार करता है बजट?
बजट बनाने की प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं। उन्हें अगले साल के बजट में कितना पैसा खर्च करना होगा। इस प्रकार से आने वाले वित्तीय वर्ष में बजट तैयार किया जाता है।