केंद्रीय बजट 2023 में वित्त विधेयक 2023 पेश किया गया जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करो में संशोधन की घोषणा की गई। एक फरवरी 2023 को संसद में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण जी द्वारा बजट सत्र में वित्त विधेयक पेश करते हुए प्रस्तावित करो को हटाने, बढ़ाने, कम करने और माफ करने के लिए प्रस्तुत किए गए।
जब वित्त विधेयक (Finance Bill) को संसद के दोनों सदन में संशोधन या बिना संशोधन के पारित हो जाता है फिर ये राष्ट्रपति के पास जाता वहा उनके द्वारा बिल को सहमति मिल जाने के बाद यह बिल वित्त अधिनियम (Finance Act) कहलाता है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश राज्यों को वित्त अधिनियम (Finance Act) को अनुपालन करना होता हैं।
वित्त विधेयक 2023 में कुछ प्रमुख संशोधनों की बात कही गई जिनकी हम आज यह बात करेंगे बिंदूवर।
- आयकर की धारा 87A के तहत आपको आय पर कर जो ₹ 500000 रुपए सालाना की छूट मिलती थी उसे बढ़ाकर ₹ 700000 रुपए की जाती हैं। अब आपको ₹ 700000 रुपए या उससे कम की सालाना आमदनी पर कोई कर नहीं देना होगा।
- नए टैक्स स्लैब में 5 करोड़ से ऊपर की आय पर उच्चतम आय अधिभार को 37% से घटाकर 25% किया जायेगे।
- आयकर अधिनियम की सेक्शन 44AD में संशोधन करते हुए इसकी लिमिट को 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए की जाती है। सेक्शन 44AD सिर्फ व्यक्तिगत या हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) के द्वारा ही इस स्कीम का लाभ लिया जा सकता है।
- जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड (Jawaharlal Nehru Memorial fund), इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट (Indira Gandhi Memorial trust), राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) को आयकर की धारा 80G से हटाया जाता है। इसका यह मतलब होगा कि अगर आप को जो आयकर में छूट मिलती थी इन ट्रस्ट में दान करने से वो अब नहीं मिलेगी।
- विदेशी टूर पैकेज की बिक्री पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) को 5% से बढ़ाकर 20% किया जाता हैं।
- आयकर अधिनियम की सेक्शन 194 A में संशोधन करते हुए कोऑपरेटिव सोसाइटी की सालाना नगद निकासी की लिमिट को 1 करोड़ रुपए को बढ़ाकर 3 करोड़ की जाती हैं। अब उन्हें साल में 3 करोड़ के नकद निकासी तक पर कोई कैश टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) नहीं देना होगा।
- ऑनलाइन गेमिंग से ₹ 10000 रुपए से अधिक जीती गई राशि पर पहले 30% टैक्स देना होता था जिसे अब पूर्ण रूप से हटा दिया गया है।
- दिनाँक 01/04/2023 के बाद से जो भी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी जाएगी उसकी अगर सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपए से ज्यादा होती है तो वह अन्य स्रोतों से आय के रूप में जोड़ाकर कर देना होगा।