नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) एक ऐसी जगह है जहां लोग स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं। और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ये भारत के प्रमुख Stock एक्सचेंज है। जो आसानी से शेयर की खरीदी-बेची व ट्रेडिंग बॉन्डस आदि की सुविधा देते है। हम इस आर्टिकल के द्वारा जानेंगे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) क्या है? और NSE के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) क्या है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भारत का एक बड़ा वित्तीय बाजार (Financial Market) है, जो दुनिया के Top 10 स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। NSE का मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार को और अधिक सरल बनाने में मदद करना है। NSE भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है, जो शेयर्स और बॉन्ड्स की सिक्यूरिटी के साथ जुड़े रहते है। Stock Market में शेयर्स की खरीदी-बिक्री, Mutual fund, Gold ETF, आदि को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ब्रोकर के माध्यम से आप आसानी कर सकते है। यह भारत का पहला सरकारी स्टॉक एक्सचेंज है।
NSE की स्थापना सन 1992 में महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुई थी, 1993 में स्टॉक एक्सचेंज की मान्यता मिली थी और 1994 से स्टॉक और शेयर्स की खरीदी-बिक्री चालू की गयी इस स्टॉक एक्सचेंज ने भारत में पहली बार ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग चालू की थी | इस स्टॉक एक्सचेंज में 1600 से ज्यादा कंपनी लिस्टेड है। NSE ने सन 2000 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार करना शुरू कर दिया था, जिसका मतलब है कि इंटरनेट कनेक्शन वाला कोई भी व्यक्ति शेयर बाजार में व्यापार और निवेश कर सकता है।
NSE का अपना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, जिसे निफ्टी कहा जाता है, जो NSE पर लिस्टेड टॉप कंपनियों के रियल टाइम के प्रदर्शन को ट्रैक करने में मदद करता है। NSE में लिस्ट हुई हाई लिक्विडिटी वाली कंपनी के आधार पर एक इंडेक्स बनाया है जो निफ्टी (Nifty) के नाम से बनाया गया है। निफ्टी में 50 हाई लिक्विडिटी वाली कंपनियां लिस्टेड है जिसका उपयोग जैसे की फण्ड पोर्टफोलियो, इंडेक्स पर आधारित डेरिवेटिव्स और इंडेक्स फंड की बेंच मार्किंग के लिए किया जाता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को क्यों बनाया ?
भारतीय शेयर बाजार 1875 से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के साथ काम कर रहा है। लेकिन कुछ चीजों की कमी थी उन कमी को पूरा करने की आवश्यकता थी, इसलिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को भारतीय बाजार में लाया गया था।
NSE के आने के बाद ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शुरू हुआ, जहां आप स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रकार के निवेश को खरीद और बेच सकते हैं। NSE एक संचार नेटवर्क के माध्यम से काम करता है ताकि सभी निवेशकों को शेयर बाजार के बारे में आसानी से जानकारी मिल सके।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) कैसे काम करता है?
अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) के कामकाज के बारे में जानेंगे कि कैसे काम करता है?
कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको जिस किसी कंपनी के शेयर को खरीदना होता है उसका ऑर्डर देना होता और उसके ऑर्डर का मिलान कंप्यूटर ट्रेडिंग के माध्यम से किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्केट ऑर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसे ऑर्डर क्वांटिटी कहते हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में, खरीदारों और विक्रेताओं की पहचान गुप्त रखी जाती है। इसका मतलब खरीदने वाले को जानकारी नहीं रहती की शेयर किसके बेचे हुए ख़रीदे है।
जब आपके ऑर्डर को कोई मेल नहीं मिलता है, तो इसे ऑर्डर लिस्ट में जोड़ दिया जाता है। इस लिस्ट में खरीदने और बेचने वाले का मिलान हो जाता हे तो बेचने वाले का शेयर खरीदने वाले के डीमैट अकाउंट में ख़रीदा हुआ शेयर आ जाता है। यानी आपके डीमैट अकाउंट में शेयर जमा हो जाते है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एक डीमैट खाता प्रदान करके निवेशकों के लिए शेयरों के लेनदेन प्रदान करता है। डीमैट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास खुलवाया जा सकता है। NSE सप्ताह में सिर्फ 5 खुला रहते हैं यानी सोमवार से शुक्रवार तक खुला रहता है।
स्टॉक मार्किट खुलने का समय
स्टॉक मार्किट में इक्विटी का लेनदेन शनिवार और रविवार को छोड़ कर सप्ताह के हर दिन होता है। इसके अलावा एक्सचेंज द्वारा निर्धारित सरकारी अवकाश को भी लेनदेन नहीं किया जाता है। इक्विटी के लिए स्टॉक मार्किट का समय इस प्रकार है।
पूर्व खुला मार्किट (Pre Open Market) का समय
सुबह 9:00 बजे लेनदेन की जानकारी बदलने के लिए खुलता है। और 9:08 बजे बंद हो जाता है।
रोजाना बाजार का समय (Regular Market Hours)
मार्किट रोजाना लेनदेन के लिए सुबह 9:15 बजे खुलता है और 3:30 बजे लेनदेन बंद हो जाता है।
FAQ – NSE in Hindi
स्टॉक एक्सचेंज किसे कहते हैं?
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा जगह है जहां निवेशक शेयर, बॉन्ड और डेरिवेटिव सहित अलग-अलग प्रकार के वित्तीय साधनों में व्यापार कर सकते हैं। यह शेयरों की खरीद-बिक्री की अनुमति देता है।
किसी कंपनी का शेयर कब बढ़ता है?
किसी भी कंपनी का शेयर उसकी मांग व आपूर्ति (Supply and Demand) के कारन बढ़ता है। जब शेयरों की अधिक मांग होती है, तो कीमत बढ़ जाती है। इसके विपरीत, जब शेयरों की कम मांग होती है,तो कीमत गिर जाती है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए किसकी जरुरत पड़ती है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए निवेशकों को स्टॉक ब्रोकर की मदद की जरूरत होती है।