टैक्स कितने प्रकार के होते है?

यह टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो व्यवसायों और व्यक्तियों द्वारा भुगतान किया जाता है। यह सरकार द्वारा आपकी आय (Income) पर टैक्स लगाकर प्राप्त किया जाता है। कानून के मुताबिक, करदाताओं को हर साल टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है और आप इस आर्टिकल के माध्यम से आप जानेंगे कि टैक्स कितने प्रकार के होते है?

टैक्स कितने प्रकार के होते हैं?

व्यक्तियों या किसी संगठन को उनकी आय(इनकम) पर विभिन्न तरीकों से करों (Tax) का भुगतान करना पड़ता है। और हर व्यक्ति को टैक्स के बारे में जानने चाहिए की टैक्स क्या है टैक्स कैसे काम करता है. भारत में टैक्स तीन प्रकार है, प्रत्यक्ष कर (Direct Tax), अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) और अन्य कर (Other Tax) और इन तीनो टैक्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे है।  

  • प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
  • अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
  • अन्य कर (Other Tax)

प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)

डायरेक्ट टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो किसी भी व्यक्ति की इनकम में से सीधे सरकार को दिया जाता है, यह टैक्स प्रत्यक्ष कर कहलाता है। इस टैक्स को सरकार कुछ इस तरीके से कटती है जैसे किसी व्यक्ति के सैलरी, ब्याज आदि से टैक्स काटकर सरकार अपने पास जमा करती है। इस टैक्स को सरकार व्यक्ति की साल भर की इनकम में से काट ते है, जिस व्यक्ति की इनकम जितनी ज्यादा होती है उसे ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। 

क्या आप भी जानना चाहते है की, इनकम टैक्स कितनी आय पर कितना लगता है?

यह टैक्स आमतौर पर उन लोगों के लिए ज्यादा महंगे होते हैं जिनके पास ज्यादा पैसा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्यक्ष कर सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है, इसलिए इसे किसी अन्य संस्था (Other Institution) को नहीं दिया जा सकता है। प्रत्यक्ष करों के कुछ लाभ यह है कि यह मुद्रास्फीति (Inflation) को रोकने में मदद करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि समाज में समान रूप से धन का प्रसार हो सके।

इस टैक्स का समय पर कर का भुगतान न होने पर जुर्माना और कारावास भी हो सकती है। प्रत्यक्ष कर में आयकर (Income Tax), निगमित कर(Corporate Tax), संपत्ति कर (Property Tax), विरासत पर कर (Inheritance Tax) and उपहार कर (gift tax) ये टैक्स प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत आते है और इन टैक्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गयी है?

आयकर (Income Tax)

आयकर एक ऐसा कर है जो व्यवसायों और व्यक्तियों से अर्जित आय पर लगाया जाता है। आयकर को प्रत्यक्ष कर का एक भाग कहा जाता है, क्योंकि यह आपके द्वारा सीधे सरकार को जमा किया जाता है। आयकर आपकी आय पर लगाया जाने वाला कर है, जिसमें आपका सैलरी, किराये की इनकम, या किसी व्यवसाय से इनकम शामिल हो सकती है।

निगमित कर (Corporate Tax)

निगमित कर एक ऐसा टैक्स है जो किसी कंपनी की आय पर लगाया जाता है। यह टैक्स उन विदेशी कंपनियों पर भी लगाया जाता है, जिनकी आय भारत से हो रही है। यह टैक्स केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है और इस टैक्स को वसूलने का काम केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के द्वारा किया जाता है। निगमित कर को अलग-अलग प्रकारों में बांटा गया है, जैसे- अनुषंगी लाभ कर (Fringe Benefits Tax), न्यूनतम वैकल्पिक कर (Minimum Alternate Tax), लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax), प्रतिभूति लेनदेन (Securities Transaction Tax) 

संपत्ति कर (Property Tax)

संपत्ति कर एक ऐसा कर है जो नगर पालिका अधिकारियों द्वारा संपत्ति के मालिकों पर लगाया जाता है। इस कर का उपयोग शहरी क्षेत्र में सड़कों, पानी की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, पार्कों और अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसी चीजों के भुगतान के लिए किया जाता है। यह टैक्स आम तौर पर सभी प्रकार की संपत्तियों पर लगाया जाता है, जिसमें घर भी शामिल हैं। हालांकि, यह टैक्स उन खाली प्लाटों पर लागू नहीं होता है जिनके आसपास अभी तक कोई निर्माण नहीं हुआ है।

विरासत पर कर (Inheritance Tax)

विरासत कर एक व्यक्ति की संपत्ति पर लगाया गया प्रत्यक्ष कर है। विरासत टैक्स एक मृत व्यक्ति की संपत्ति पर लगाया जाने वाला टैक्स है। यह टैक्स एक मृत व्यक्ति की संपत्ति या उनके धन और संपत्ति के कुल मूल्य पर लगाया जाने वाला टैक्स  है। इस टैक्स को भारत में पहली बार 1950 के दशक में पेश किया गया था, और 1984 में इसे समाप्त कर दिया गया था क्योंकि यह कृषि भूमि पर भी लागू होता था। फिर इस विरासत कर में संशोधन (Correction) करके 1984 में कृषि भूमि पर विरासत कर को समाप्त कर दिया था। 

उपहार कर Gift Tax

भारत में 1 अप्रैल 1958 को उपहार कर लागू किया गया था। यह एक प्रकार का प्रत्यक्ष कर है। यह केवल जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर सभी राज्य में लगाया जाता है। 1958 का उपहार कर अधिनियम 25 हज़ार की कीमत से ज्यादा उपहारों पर कर लगाता है। इस कर को 1998 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन इसे 2004 में फिर से लागू किया गया था।

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)

अप्रत्यक्ष कर एक ऐसा कर है, जो सरकार द्वारा सप्लाई की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं जैसी चीजों पर लगाया जाता है। यह टैक्स सीधे किसी व्यक्ति की आय पर नहीं लगाया जाता है। परिस्थितियों के आधार पर अप्रत्यक्ष करों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित किया जा सकता है। 

अप्रत्यक्ष कर के बारे में समझा जाए तो जब कोई व्यक्ति बाजार से किसी भी मूल्य पर सामान खरीदता है तो उसमें टैक्स भी ऐड होता है जो की GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के नाम से भी जाना जाता है। GST के दो प्रकार के होते है – SGST और CGST एक केन्द्र सरकार और दूसरा राज्य सरकार द्वारा वस्तुओं पर लगाया जाता है। SGST और CGST ये दोनों टैक्स अप्रत्यक्ष कर के अंतर्गत में ही आते है। 

अप्रत्यक्ष कर में सेवा कर (Service Tax), उत्पाद शुल्क (Excise duty), मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax), मनोरंजन कर- (Entertainment Tax), सीमा शुल्क (Custom duty), स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty), और प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax) इन टेक्सस को सरकार GST के रूप प्राप्त करती है, और इन टैक्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गयी है?

सेवा कर (Service Tax) 

सेवा कर एक ऐसा कर है जो लोगों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर लगाया जाता है। और इस कर को भुगतान करने की जिम्मेदारी सेवा प्रदान करने वाले की होती है। यह एक अप्रत्यक्ष कर है क्योंकि सेवा प्रदान करने वाला व्यक्ति अपने व्यावसायिक (Commercial) लेनदेन करके सेवा प्राप्त करने वाले व्यक्ति से टैक्स वसूलता है। 

उत्पाद शुल्क (Excise duty)

उत्पाद शुल्क एक ऐसा कर है जो किसी देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह कर आमतौर पर उन वस्तुओं पर लागू होता है जिन्हें उच्च मूल्य वाली वस्तुएं माना जाता है। यह देश में उत्पादित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले कर को उत्पाद शुल्क कहा जाता है।

मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax)

मूल्य वर्धित कर एक प्रकार का प्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है क्योंकि उत्पादन के प्रत्येक चरण के साथ वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य बढ़ता है। इसलिए, उत्पादन से लेकर तो बिक्री तक सभी चरणों में मूल्य वर्धित कर लगाया जाता है।

मनोरंजन कर- (Entertainment Tax)

यह कर राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है और मनोरंजन से संबंधित किसी भी उत्पाद या लेनदेन पर लागू होता है। जिन पर मनोरंजन कर लगाया जाता है। सरकार मनोरंजन कर टेलीविज़न शो, मूवी, आर्ट शो और बहुत कुछ पर भी टैक्स लगाती है। इसे मनोरंजन कर कहा जाता है।

सीमा शुल्क (Custom duty)

विदेशों में व्यापार के अंतर्गत आयात-निर्यात पर लगने वाले कर को सीमा शुल्क कहते हैं। यह कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया और वसूल किया जाता है। 

स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty)

स्टांप ड्यूटी एक सरकारी शुल्क है जो तब लगाया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने नाम पर संपत्ति खरीदता या स्थानांतरित करता है। यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा संपत्ति के पंजीकरण में शामिल दस्तावेजों पर लगाया जाता है। 

प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax)

प्रतिभूति लेनदेन कर एक ऐसा कर है जो भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक की खरीद और बिक्री पर लगाया जाता है। यह टैक्स केवल वही व्यक्ति देता है जो स्टॉक्स को खरीदता या बेचता है।

अन्य कर (Other Tax)

प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर के अलावा सरकार अन्य करों में से भी टैक्स वसूल ती है। और अन्य कर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गई है। 

रोड टैक्स और टोल टैक्स (Road tax and Toll tax)

यह कर सड़कों पर चलने वाले वाहनों से टोल टैक्स के रूप में एकत्रित किया जाता है ताकि विभिन्न प्रकार की मरम्मत जैसे सड़क की मरम्मत और प्रकाश व्यवस्था (Lighting Arrangement) की जा सके।

शिक्षा उपकर (Education Cess)

इस कर का उपयोग भारत सरकार द्वारा छात्रों के लिए शिक्षा को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है।

व्यावसायिक कर (Professional Tax)

जो लोग वेतन (Salary) नही पाते केवल अपने पेशे (Profession) से पैसे कमाते जैसे की डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट इत्यादि इन लोगों पर व्यावसायिक कर लगाया जाता है ।

प्रवेश कर (Entry Tax)

यह एक ऐसा कर है जो तब लगाया जाता है जब उत्पादों या वस्तुओं को किसी एक राज्य से नए राज्य में लाया जाता है। यह टैक्स दिल्ली, असम, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों पर सरकार द्वारा लगाया जाता है।

FAQ –  Tax in Hindi 

सरकार हमसे टैक्स क्यों लेती है?

सरकार को अपने विभागों और योजनाओं को चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है, और देश के विकास में मदद करने, जनता को सेवाएं प्रदान करने और सरकारी कार्यक्रमों के लिए भुगतान करने के लिए लोगों से टैक्स एकत्रित किया जाता है। 

डायरेक्ट टैक्स क्या है?

डायरेक्ट कर को प्रत्यक्ष कर कहते है, प्रत्यक्ष कर एक ऐसा कर है जो किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा सीधे उस संस्था को भुगतान किया जाता है जिसने इसे लगाया है। उदाहरणों में आयकर, वास्तविक संपत्ति कर, व्यक्तिगत संपत्ति कर और संपत्तियों पर कर शामिल हैं, जिनमें से सभी का भुगतान एक व्यक्तिगत करदाता द्वारा सरकार को किया जाता है।

टैक्स का भुगतान नहीं करे तो क्या होगा?

अगर कोई समय पर अपने करों का भुगतान नहीं करता है, तो उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है। और इनकम टैक्स ऑफिसर को बकाया राशि देना पड़ता है। 

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