जैसा कि आप जानते हैं, बजट बनाना कितना महत्वपूर्ण है बजट किसी भी देश की दशा और दिशा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और हर देश का अपना एक बजट होता है, जो यह तय करने में मदद करता है कि अलग-अलग चीजों पर कितना पैसा खर्च करना है। अगर आप बजट (Budget) बारे में जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे कि अंतरिम बजट क्या है, अंतरिम बजट कब और कितनी बार पेश हुए ?
अंतरिम बजट क्या है?
अंतरिम बजट एक ऐसा बजट होता है जो अस्थायी (Temporary) होता है। यह आमतौर पर तब पेश किया जाता है जब किसी सरकार पर शासन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं बचा होता है यानी कि जल्द ही चुनाव होने वाले होते हैं, और चुनाव होने के बाद पूर्ण बजट (Full Budget) बनाने और पेश करने का काम आने वाली नई सरकार पर छोड़ दिया जाता है।
यह बजट “आम बजट” के समान ही होता है, लेकिन सरकार इस बजट के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेती है।
हालांकि पूर्ण बजट में पूरे वित्त वर्ष (financial year) के लिए आय और खर्च का लेखा- जोखा शामिल होता है। लेकिन, अंतरिम बजट में सिर्फ, सरकार के कार्यकाल के बचे हुए समय तक के लिए ही खर्च और आमदनी का लेखा-जोखा होता है। लेकिन इस बजट को लागू करने से पहले संसद द्वारा अनुमोदित (Approved) किया जाता है।
ध्यान रखें कि अंतरिम बजट में केवल वे खर्च शामिल होते हैं जिन्हें संसद ने पहले ही मंजूरी दी है। यदि वर्तमान सरकार वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले पूर्ण बजट पेश नहीं कर पाती है, तो उस सरकार को अंतरिम बजट पेश करना ही पड़ेगा। नीचे उदाहरण से समझिए अंतरिम बजट कैसे बनता है?
उदाहरण: मान लीजिये कि सरकार का कार्यकाल जुलाई 2025 में समाप्त हो रहा है, सरकार के पास अपना नया बजट पेश करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष (फरवरी 2025) में केवल 3 महीने शेष बचें है। अब इन 3 महीनों के लिए सरकार को 3 महीने का अंतरिम बजट पेश करना ही होगा।
अंतरिम बजट कब और कितनी बार पेश हुए ?
भारत में अंतरिम बजट लगभग 14 बार पेश हो चुके है, और आपको नीचे हर एक अंतरिम बजट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
- 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी (R K Shanmukham Chetty) ने पहली बार अंतरिम बजट पेश किया था। ये बजट इसलिए पेश किया गया क्योंकि 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिलने और देश का बंटवारा हुआ था।
- वर्ष 1952-53 के लिए वित्त मंत्री सी डी देशमुख (CD Deshmukh) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 1957-58 के लिए वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी (TT Krishnamachari ) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वित्त मंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) ने पहली बार वित्त वर्ष 1962-63 और दूसरी बार 1967-68 में अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 1971-72 के लिए वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 1977 के लिए वित्त सचिव हरि भाई एम पटेल (Haribhai M Patel) ने अंतरिम बजट पेश किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी सचिव ने अंतरिम बजट पेश किया।
- वर्ष 1980-81 के लिए राष्ट्रपति आर वेंकटरमन (R Venkataraman) ने अंतरिम बजट पेश किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी राष्ट्रपति ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 1991 के लिए वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 1991-92 के लिए प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) ने अंतरिम बजट पेश किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी प्रधानमंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 1998-99 के लिए वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 2004-05 के लिए वित्त मंत्री जसवंत सिंह (Jaswant Singh) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 2008-09 के लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 2014 के लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
- वर्ष 2019 के लिए वित्त मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने अंतरिम बजट पेश किया था।
अंतरिम बजट और आम बजट में क्या अंतर
आम बजट हो या अंतरिम बजट दोनों में सरकारी खर्च को स्वीकृति देती है। हालांकि, अंतरिम बजट, आम बजट से अलग दस्तावेज़ है, और इसकी कोई आधिकारिक कानूनी स्थिति नहीं होती है। यह सिर्फ एक परंपरा है कि नई सरकार (चुनावों के बाद) निर्णय लेने और योजनाओं की घोषणा करने की मुसीबत उढ़ाते है।
अंतरिम बजट और लेखानुदान में अंतर
जब सरकार को पूरे वित्तीय वर्ष के बजाय कुछ महीनों के लिए संसद से अनुमति की आवश्यकता होती है, तो सरकार अंतरिम बजट के बजाय लेखानुदान पेश कर सकती है।
अंतरिम बजट और लेखानुदान दोनों ही कुछ ही महीनों के लिए होते हैं लेकिन दोनों के पेश करने के तरीके में अंतर होता है.
अंतरिम बजट में, सरकार संसद को बताती है कि उसे राजस्व में कितना पैसा मिलने की उम्मीद है, जबकि लेखानुदान में, वह केवल पैसा खर्च करने के लिए कहती है।
FAQ – Interim Budget in Hindi
संसद का बजट सत्र कब होता है?
संसद का बजट-सत्र फरवरी से मई तक आयोजित होता है। इसमें सरकार द्वारा आय-व्यय, आयात-निर्यात, करों का प्रावधान, नयी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी दी जाती है।
बजट लेख-पत्र क्या होता है?
बजट इस बात की एक सूची है कि सरकार अगले साल कितना पैसा कमाने और खर्च करने की उम्मीद करती है।