CDSL क्या है? CDSL कैसे काम करता है?

जैसे बैंक में हमारा पैसा सुरक्षित रहता है, उसी तरह डिपॉजिटरी में निवेशकों के शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर या सिक्योरिटी इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहते हैं। भारत में दो प्रमुख डिपॉजिटरी हैं, एक नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) है और दूसरी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) है। आज हम CDSL के बारे में बात करेंगे। 

CDSL क्या है? CDSL कैसे काम करता है?

CDSL भारत की दूसरी बड़ी सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी है, CDSL एक डिपॉजिटरी है जो शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर करता है। CDSL डिपॉजिटरी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर ट्रेड किए जाने वाले शेयरों, बांड्स, डिबेंचर या सिक्योरिटी पर नज़र रखने में मदद करती है। CDSL का हेड ऑफिस मुंबई में है। 

जिस तरह एक बैंक ग्राहकों के पैसे को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है, उसी तरह CDSL भी निवेशकों के डीमैट खाते और डिपॉजिटरी को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है।  

जैसे आपको बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने के लिए एक बैंक खाते की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार डिपॉजिटरी की सेवाओं का उपयोग करने के लिए, निवेशकों को डीमैट खाते की आवश्यकता होती है। अगर आप डीमैट अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के द्वारा CDSL में खुलवाया जाता है तो आप CDSL डिपॉजिटरी की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं.

NOTE
आपको बता दें कि सभी निवेशकों के डीमैट खाते स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से खोले जाते हैं और ये सभी डिपॉजिटरी में माध्यम से ही खोले जाते हैं।

CDSL कैसे काम करता है?

CDSL भी एक बैंक की तरह काम करता है, लेकिन यह पैसा जमा नहीं करता है – यह लोगों के शेयरों और सिक्योरिटी को स्टोर करता है। इसलिए जब भी आप स्टॉक मार्केट में सिक्योरिटीज या स्टॉक खरीदते हैं, तो आपका ब्रोकर डिपॉजिटरी की ओर से उन्हें होल्ड कर सकता है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या किसी अन्य एक्सचेंज के सदस्य के माध्यम से शेयर खरीदने पर और सदस्य को भुगतान किए जाने के बाद, स्टॉक डिजिटल रूप में सदस्य के डीपी या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को स्थानांतरित कर दिया जाता है।

यह डीपी, सेबी के द्वारा निवेशकों के लिए बनाया किया गया डिपॉजिटरी है जो भारत में वित्तीय लेनदेन में निगरानी लिए सेवाएं प्रदान करती है। 

CDSL की स्थापना कब हुई?

NSDL की स्थापना 1999 में हुई थी, इसकी स्थापना पूर्व वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा ने की थी।

CDSL को BSE, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक द्वारा संयुक्त रूप से प्रमोट किया जाता है।

CDSL के उद्देश्य 

  • CDSL डिपॉजिटरी का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के लिए सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर करना है।
  • CDSL का उद्देश्य भारतीय पूंजी बाजार में निवेशकों और स्टॉक ब्रोकर्स को नवीन प्रौद्योगिकी प्रणाली (Latest Technology Systems) प्रदान करना है।
  • CDSL एक ऐसा डिपॉजिटरी है जिसका उद्देश्य लागत को कम करना और भारत में पूंजी बाजार को और अधिक कुशल बनाना है।
  • CDSL का मुख्य उद्देश्य भारतीय वित्तीय बाजार में कागजी लेनदेन को समाप्त करना था।

CDSL के क्या कार्य है? 

  • CDSL निवेशकों के लिए डीमैट अकाउंट खुलवाते है। 
  • CDSL निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से शेयर, बॉन्ड और डिबेंचर जैसी सिक्योरिटीज को स्टोर करने की अनुमति देता है।
  • CDSL शेयर बाजार में शेयरों के कारोबार की निगरानी और उन्हें मैनेज भी करता है।
  • CDSL अपने सभी ग्राहकों की सिक्योरिटीज की होल्डिंग्स का उचित रिकॉर्ड रखता है।

CDSL डीमैट अकाउंट क्या है?

सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) के साथ Demat Account खोला जाता है। आप डिपॉजिटरी के साथ सीधे डीमैट खाता नहीं खोल सकते हैं, इसलिए आपको ब्रोकर के माध्यम से जाना होगा। CDSL डीमैट खाता खोलने के लिए, आपको CDSL के साथ पंजीकृत डिपॉजिटरी प्रतिभागी(Depository Participant) से संपर्क करना होगा। 

अगर NSDL के साथ डीमैट खाता खोलना चाहते हो तो आपको NSDL के साथ पंजीकृत डिपॉजिटरी प्रतिभागी(Depository Participant) से संपर्क करना होगा।

यह खाता CDSL की सेवाओं का उपयोग करने और शेयरों या प्रतिभूतियों का व्यापार करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक बैंक खाते की तरह ही इसका भी एक डीमैट खाता नंबर होता है और केवल खाताधारक ही डीमैट खाते से सिक्योरिटीज को जोड़ या हटा सकता है।

CDSL के फायदे 

  • CDSL में डीमैट खाता खोलने पर निवेशकों को दस्तावेजों के रूप में शेयरों के लेन-देन के झंझट से छुटकारा मिल जाता है।
  • CDSL में निवेशक द्वारा शेयर बाजार में की जाने वाली सभी ट्रेडिंग ऑनलाइन उपलब्ध होती है, जिससे उन्हें ट्रेडिंग में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • CDSL में फंड ट्रांसफर और सिक्योरिटीज पंजीकरण तत्काल होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक डिपॉजिटरी आने से पहले इस काम में चार से पांच महीने लग जाते थे। 
  • CDSL द्वारा बेहतर संचार सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

CDSL के नुकसान 

  • हैकिंग की समस्या देखने को मिल सकती है। 
  • इसमें तकनीकी समस्याओं(Technical Problems) का सामना करना पड़ सकता है।

FAQ – CDSL in Hindi

CDSL क्या है?

CDSL भारत की दूसरी बड़ी सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी है, CDSL एक डिपॉजिटरी है जो शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर करता है।

CDSL कैसे काम करता है?

जब भी आप स्टॉक मार्केट में सिक्योरिटीज या स्टॉक खरीदते हैं, तो आपका ब्रोकर डिपॉजिटरी की ओर से उन्हें होल्ड कर सकता है।

CDSL और NSDL क्या है?

CDSL और NSDL दोनों ही भारत सरकार द्वारा पंजीकृत डिपॉजिटरी हैं जो स्टॉक, बॉन्ड, ईटीएफ जैसी विभिन्न प्रकार की सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संभालती हैं। CDSL और NSDL दोनों ही डिपॉजिटरी के रूप में काम करते हैं।

हैं।

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