Intraday Trading क्या है? इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती हैं?

क्या आपने शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में सुना है जहां लोग एक ही दिन में शेयरों की ट्रेडिंग (खरीद और बिक्री) करके लाखों रुपये कमा सकते हैं। शेयर की कीमत पूरे दिन बदलती रहती हैं, इसलिए ट्रेडर्स एक ही दिन के दौरान अलग-अलग समय पर शेयर खरीद और बेचकर इन परिवर्तनों का लाभ उठाने का प्रयास करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग का अर्थ मार्केट बंद होने से पहले उसी दिन स्टॉक खरीदना और बेचना है। 

यदि आप अभी इंट्राडे ट्रेडिंग में शुरुआत कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि यह क्या है, इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है, इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे की जाती है, इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है और इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं?

Intraday Trading क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग केवल एक दिन के भीतर की गई ट्रेडिंग होती है। यानी इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर की खरीद और बिक्री दोनों सौदे एक ही ट्रेडिंग दिन में किए जाते हैं। इसका मतलब है कि आप अगले दिन के लिए स्टॉक नहीं रख सकते। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आपका ब्रोकर आपकी पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर सकता है या इसे आप डिलीवरी ट्रेड में बदल सकते है. 

यदि आप किसी भी दिन इंट्राडे ट्रेडिंग करते है और अपने शेयरों को बेचना या खरीदना भूल जाते हैं, तो आपका ब्रोकर मार्किट के बंद होने पर स्वचालित रूप से आपकी स्थिति को पोजीशन खुद ही square off कर देता है, जिसका अर्थ है कि उस दिन आपके द्वारा खरीदे गए सभी शेयर बिक चुके होंगे। और आप इंट्राडे में अपने शेयर को बेचना भूल जाते है तो आपको अपने ब्रोकर को कुछ चार्ज देना पड़ता है जिसे square off चार्ज कहते हैं यह लगभग 50 रुपये तक होता है। इसलिए जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो शेयर खरीदने के बाद आपको उसे उसी दिन बेच देना चाहिए चाहे आपको फायदा हो या नुकसान। इस तरह, आप कोई अन्य शुल्क देने से बचेंगे।

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती हैं?

इंट्राडे ट्रेडिंग नियमित ट्रेडिंग की तुलना में ट्रेडिंग करने का एक अलग तरीका है। इंट्राडे ट्रेडिंग में, आप एक दिन में खरीद और बिक्री दोनों सौदे करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको इंट्राडे विकल्प या MIS विकल्प का चुनाव करना होता है। 

कई डिस्काउंट ब्रोकर आपको इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए अच्छा मार्जिन भी प्रदान करते हैं। यानी आपके डीमैट खाते में पैसा कम है, लेकिन आपको शेयर खरीदने के लिए स्टॉक ब्रोकर द्वारा अतिरिक्त मार्जिन या लीवरेज प्रदान किया जाता है। जिसकी मदद से आप ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करता है इसे एक उदाहरण से समझते हैं-

मान लीजिए आप टाटा पावर कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं जिसकी कीमत 200 रुपये है. आपके पास अभी कुल 40,000 रुपये है जिसमें आप टाटा पावर कंपनी के 200 शेयर खरीद सकते हैं। 

लेकिन अगर आप इसे शेयर में इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो 50% मार्जिन मिल सकता है मतलब इतने ही शेयर को आप 40,000 की बजाए 20,000 रुपये में खरीद सकते है। या तो फिर आप 40,000 रुपये में 200 की जगह 400 शेयर खरीद सकते हैं। 

अगर आपने टाटा पावर कंपनी का शेयर उसी दिन खरीदा जिस दिन उसकी कीमत 200 रुपये से बढ़कर 210 रुपये हो गई, यानी एक शेयर की कीमत 10 रुपये बढ़ गई। तो ऐसे में आपको प्रॉफिट होगा 400×10 = 4000 रुपये 

यदि आपने इंट्राडे के बजाय डिलीवरी में स्टॉक खरीदा होता, तो आपको टाटा पावर के केवल 200 शेयर प्राप्त होते और तो आपको प्रॉफिट 200×10 = 2000 का होता।

इंट्राडे ट्रेडिंग के फ़ायदे

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आप दिन के दौरान स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं, बाजार बंद होने के बाद आपको किसी भी जोखिम के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
  • मार्जिन का उपयोग करके, आप में कम पैसे में ट्रेडिंग करके अधिक पैसा कमा सकते हैं।
  • यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग को सही ढंग से समझते हैं और इसे ट्रेड करने के लिए सही जानकारी का उपयोग करते हैं, तो आप भी इसे अपने रोजगार के स्रोत के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में कोई ओवरनाइट रिस्क नहीं होता है। 

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

  • कई बार मार्केट में किसी तरह की कोई गलत अफवाह इंट्राडे ट्रेडर्स के नुकसान का कारण बन जाती है। 
  • अधिक प्रॉफिट की संभावना के साथ-साथ अधिक लॉस की संभावना भी है।
  • बाजार में अस्थिरता (Volatility) से अधिक नुकसान हो सकता है। 
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको तुरंत निर्णय लेने होते हैं, कभी-कभी आपको नुकसान भी उठाना पड़ता है, क्योंकि कई बार ट्रेडर ज़्यादा लाभ कमाने की ओर ध्यान देता है। 

FAQ- Intraday Trading In Hindi 

क्या इंट्राडे ट्रेडिंग में पहले ख़रीदना जरुरी हैं?

शेयर बाजार में इंट्राडे के दौरान शेयर खरीदना जरूरी नहीं है – आप चाहे तो अपने शेयर को पहले बेच भी सकते हैं और बाद में उन्हें वापस खरीद सकते हैं, इसे शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है। 

इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है?

यदि आपके पास इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है या आप ज्यादा शेयर्स में ट्रेड करना चाहते हैं तो आप अपने स्टॉक ब्रोकर से मार्जिन लेकर (उधार लेकर) ट्रेड सकते है। 

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