हैलो दोस्तों आप सबको पता ही है अदानी ग्रुप वर्सेस हिंडेनबर्ग रिसर्च फर्म के बीच जो बैटल हो रही है। उसके कारण भारतीय शेयर बाजार में इतनी ज्यादा उथल पुथल हो रही है। हिंडेनबर्ग रिसर्च फर्म ने अदानी ग्रुप के ऊपर स्टॉक मैनिपुलेशन, हेरा फेरी, भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोप लगाए थे जिसके कारण अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राइस में इतनी ज्यादा भारी मात्रा में गिरावट हुई है। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने से पहले अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे फॉक्स के अनुसार वही बात की जाए आज के दिन की तो वह 28 वें पायदान के भी नीचे आ चुके हैं। अदानी ग्रुप को पिछले एक सप्ताह में अरबों खरबों का नुकसान हुआ है। हम सब यही उम्मीद लगा कर बैठे थे की अदानी ग्रुप कब कानूनी भी कार्यवाही करेगा हिंडेनबर्ग फर्म के ऊपर मगर अभी तक अदानी ग्रुप की तरफ से इस तरह का कोई भी संकेत नहीं मिला है।
आज ही के दिन सुप्रीम कोर्ट में अमेरिकन कंपनी हिडन वर्ग विशेष फॉर्म के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। एडवोकेट एमएल शर्मा जिन्होंने जनहित याचिका दायर की है उनका कहना कि उन्होंने अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग हिंडेनबर्ग फर्म और इसके संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच की मांग की है। शर्मा का कहना हैं कि लाखों निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और उन्हें धोखा देने की जांच करने के लिए याचिका दायर की गई है। अब देखना ये होगा की सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को स्वीकारता हैं या नहीं।
एडवोकेट एमएल शर्मा ने जनहित याचिका में दावा किया है कि शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च फर्म ने अपनी रिपोर्ट अदानी ग्रुप की अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के ₹20000 करोड़ के एफपीओ के ठीक पहले जानबूझकर निकली। जिसके चलते निवेशों को भारी नुकसान हुआ है।