उत्तर प्रदेश सरकार की इकाई मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVNL) ने अदानी ग्रुप से स्मार्ट मीटर खरीदने का ऑर्डर दिया था। इस ऑर्डर के तहत अदानी ग्रुप को विद्युत वितरण कंपनी को तकरीबन 7.5 मिलियन स्मार्ट मीटर प्रदाय करने थे। इस ऑर्डर को अडानी ग्रुप ने ₹5,400 करोड़ की बोली लगाकर हासिल किया था। 4 फरवरी को विद्युत वितरण कंपनी ने अपने नोटिफिकेशन में कहा की हमें ये बोली रद्द करते और जल्द से जल्द फिर इस ई बीड की जायेगी।
मध्यांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल और पश्चिमांचल के लिए 25 मिलियन स्मार्ट मीटर की ई बीड की जायेगी। इस प्रोजेक्ट का खर्च लगभग ₹25,000 करोड़ रुपए होगा। टेंडर के अनुसार अदानी ग्रुप ने प्रति स्मार्ट मीटर की कीमत नो से दस हजार रुपए रखी थी।
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने जब से अदानी ग्रुप पर रिपोर्ट जारी की है तब से अदानी ग्रुप की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। बांग्लादेश सरकार ने अडानी ग्रुप की कंपनी अदानी पावर को पत्र के माध्यम से उनके बीच जो बिजली खरीदने का अनुबंध किया है इसमें फेरबदल करने की बात कही है।
वर्ष 2017 में बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) ओर अदानी ग्रुप की कंपनी अदानी पावर के बीच बिजली खरीदी का समझौता हुआ था। उस समझौते के अनुसार अदानी पावर के द्वारा उसके झारखंड राज्य के गोड्डा जिला के 1,600 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट से बिजली बांग्लादेश को बेची जाती हैं। अदानी पावर को अपने थर्मल पावर प्लांट में बिजली बनाने के लिए वो ऑस्ट्रेलिया से कोयला का आयात करेगा। अदानी ग्रुप ने बांग्लादेश सरकार से कोल आयात के लिए 400 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से पैसा पर समझौता किया था।
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) ने अदानी ग्रुप से कोयले के आयात पर जो पैसे लगाए हैं उसे कम करने की बात कही है। बांग्लादेश सरकार का कहना है कि जब हमारे देश के पावर प्लांट में जो कोयला आ रहा है उसके आयात में 250 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से कम का खर्चा है। हम अदानी ग्रुप से हमारे समझौते में बदलाव की मांग करते हैं। जिस दाम पर अदानी ग्रुप हमने कोयला आयात करने की बात पहले समझौते में की गई हैं वो हमारे लिए बहुत महंगा है।