सरकार को देश चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है और वह धन करों (Tax) से प्राप्त करती है। हमारे द्वारा प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली वस्तुओं से कर लिया जाता है, और जो लोग एक निश्चित सीमा से अधिक पैसा कमाते हैं, उन्हें भी कर चुकाना पड़ता है। और आप इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे की अप्रत्यक्ष कर क्या है? अप्रत्यक्ष कर के प्रकार समझाइए समझाइए।
अप्रत्यक्ष कर क्या है?
अप्रत्यक्ष कर एक ऐसा कर है जो सरकार द्वारा सप्लाई की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं जैसी अन्य चीजों पर लगाया जाता है, ये कर किसी व्यक्ति की आय पर सीधे नहीं लगाया जाता है। अप्रत्यक्ष करों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर स्थानांतरित किया जा सकता है,
इस प्रकार का टैक्स भारत के गरीब और अमीर सभी लोग देते है। यदि आप अप्रत्यक्ष करों को समझते हैं, तो आप जानते हैं कि जब आप बाजार से कुछ खरीदते हैं, तो जो कर पहले से ही मूल्य में जोड़ा जाता है उसे GST (वस्तु एवं सेवा कर) के रूप में जाना जाता है। GST दो प्रकार के होते है – SGST और CGST एक केन्द्र सरकार और दूसरा राज्य सरकार द्वारा वस्तुओं पर लगाया जाता है। SGST और CGST ये दोनों कर अप्रत्यक्ष कर के अंतर्गत में ही आते है।
अप्रत्यक्ष कर में GST क्यों लागू किया गया?
वस्तु एवं सेवा कर (GST) का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसी वस्तु पर निर्माण प्रक्रिया से लेकर उपभोक्ता तक टैक्स को दो बार नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह एक ऐसा टैक्स है जो राज्यों के बीच, राज्यों के अंदर और राज्यों के बाहर सभी लेनदेन पर ये टैक्स लागू होता है। GST लागू होने से लोगों के टैक्स भरने के तरीके में बदलाव आया है। अब वे इसे एक सरकारी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कर भर सकते हैं।
अप्रत्यक्ष कर के प्रकार-
सेवा कर (Service Tax)
सेवा कर एक ऐसा कर है जो लोगों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर लगाया जाता है। और इस कर को भुगतान करने की जिम्मेदारी सेवा प्रदान करने वाले की होती है। यह एक अप्रत्यक्ष कर है क्योंकि सेवा प्रदान करने वाला व्यक्ति अपने व्यावसायिक (Commercial) लेनदेन करके सेवा प्राप्त करने वाले से प्राप्त है। भारत में सेवा कर 1994 में वित्त अधिनियम द्वारा वर्ष 1994 में शुरू किया गया है।
उत्पाद शुल्क (Excise duty)
उत्पाद शुल्क एक ऐसा कर है जो किसी देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह कर आमतौर पर उन वस्तुओं पर लागू होता है जिन्हें उच्च मूल्य वाली वस्तुएं माना जाता है। यह देश में उत्पादित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले कर को उत्पाद शुल्क कहा जाता है। यह कर माल के उत्पादन पर लगाया जाता है और इसका उद्देश्य सरकार को निधि (Fund) देने में मदद करना है। उत्पाद शुल्क भारत में लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसे वर्तमान समय में इसे सेंट्रल वैल्यू एडेड टैक्स (CVAT) के नाम से जाना जाता है।
मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax)
मूल्य वर्धित कर एक प्रकार का प्रत्यक्ष कर है जो वस्तु और सेवा पर लगाया जाता है क्योंकि वस्तु और सेवा उत्पादन के हर पड़ाव में मूल्य की वृद्धि होती जाती है। इसलिए वस्तु के उत्पादन से लेकर बिक्री तक हर पड़ाव में मूल्य वर्धित कर लगाया जाता है। मूल्य वर्धित कर किसी भी देश के अर्थव्यवस्था (Economy) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है हालांकि मूल्य वर्धित कर निर्माताओं द्वारा भरा जाता है।
मनोरंजन कर- (Entertainment Tax)-
यह कर राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है और मनोरंजन से संबंधित किसी भी उत्पाद या लेनदेन पर लागू होता है। जिन पर मनोरंजन कर लगाया जाता है। सरकार मनोरंजन कर टेलीविज़न शो, मूवी, आर्ट शो और बहुत कुछ पर भी टैक्स लगाती है। इसे मनोरंजन कर कहा जाता है।
सीमा शुल्क (Custom duty)
विदेश में व्यापार के अंतर्गत होने वाले आयात-निर्यात पर लगने वाले कर को सीमा शुल्क कहते हैं। यह कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया और वसूल किया जाता है। सीमा शुल्क केंद्रीय राजस्व और विदेशी व्यापार दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty)
स्टाम्प ड्यूटी एक सरकारी शुल्क है जो तब लगाया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने नाम पर संपत्ति खरीदता है या स्थानांतरित करता है। इस शुल्क को राज्य सरकार द्वारा संपत्ति को रजिस्ट्रेशन कराते समय जो दस्तावेज़ होता हैं, उस पर लगाया जाता हैं। किसी भी व्यक्ति को सम्पति का रजिस्ट्रेशन कराते समय स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता हैं। यह शुल्क भारतीय अधिनियम (Act) 1899 के तहत देना अनिवार्य हैं। स्टाम्प शुल्क के कीमत अलग-अलग राज्यों अलग-अलग होती है।
प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax)
प्रतिभूति लेनदेन कर भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड प्रतिभूतियों (Securities) की खरीदी और बिक्री पर लगाया जाने वाला कर है प्रतिभूति लेनदेन कर एक ऐसा कर है जो किसी व्यक्ति द्वारा शेयर खरीदने या बेचने पर लगाया जाता है। यह कर केवल उस व्यक्ति द्वारा भुगतान किया जाता है जो खरीद या बिक्री करता है।
अप्रत्यक्ष कर की कुछ विशेषताएं-
अप्रत्यक्ष कर की विभिन्न विशेषताएं हैं, जैसे:
कर देयता (Tax Liability)- किसी भी प्रकार का विक्रेता सरकार को एक अप्रत्यक्ष कर का भुगतान करता है,, इसलिए इसका भुगतान करने के लिए उपभोक्ता जिम्मेदार नहीं होता है।
प्रकृति (Nature)- पहले देश की कर प्रणाली बहुत ख़राब थी, लेकिन फिर उन्होंने माल और सेवा कर (GST) को अपनाया, जिससे चीजें और प्रगतिशील (Progressive) हो गईं।
कर का भुगतान (Pay Tax)- विक्रेता कर भुगतान सीधे सरकार को करता है।
अपवंचन (Evasion)- अप्रत्यक्ष कर से बचना मुश्किल है क्योंकि ये कर उत्पादों व सेवाओं के माध्यम से लगाया जाता है।
अप्रत्यक्ष कर के लाभ-
अप्रत्यक्ष कर की विभिन्न लाभ है, जैसे:
संग्रह आसानी (collection ease)- प्रत्यक्ष कर की तुलना में अप्रत्यक्ष कर को एकत्र करना आसान होता है, क्योंकि जब भी लोग खरीदारी करते हैं तो अप्रत्यक्ष करों को एकत्र किया जाता है, इसलिए सरकार को संग्रह करने बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती।
सुविधा (Convenience)- कर देने वाले पर कोई बोझ होता ये कर किसी को वस्तु खरीदते समय GST के लगाया जाता है।
उचित योगदान (Fair Contribution)- प्रत्यक्ष कर वस्तुओं और सेवाओं की कीमत पर आधारित होते हैं। इसका मतलब ये कि भोजन और बुनियादी जैसी आवश्यकता चीजों वाली पर कम टैक्स लगाया जाता है, और वहीं लग्जरी जैसी खास चीज़ो पर उच्च रेट से टैक्स लगाया जाता है, ताकि जो कोई भी उन्हें खरीदता है वह सरकार को योगदान दे सके।
FAQ – Indirect Tax in Hindi
जीएसटी की विभिन्न दरें क्या हैं?
जीएसटी परिषद (Council) ने अलग-अलग उत्पादों और सेवाओं के लिए 0% से लेकर 5%, 12%, 18% और 28% तक दरें निर्धारित की हैं।
भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कब लागू किया था?
गुड्स एंड सर्विस टैक्स अधिनियम (Act) 29 मार्च, 2017 को संसद द्वारा पारित किया गया था, और 1 जुलाई, 2017 को भारत में लागू हुआ था।
कर (Tax) क्या है?
सरकार द्वारा लगाया गया कर जो किसी सेवा के बदले में नहीं हो कर कहलाता है। कर दो प्रकार के होते हैं, प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर।