डिजिटल हेल्थ ID कार्ड आसान भाषा मे जानें तो यह आधार कार्ड (Aadhaar Card) की तरह एक यूनिक ID कार्ड होगा जो आपके हेल्थ रिकॉर्ड को मेंटेन करने में मदद करेगा| भारत के हर नागरिक का आधार कार्ड की तरह एक यूनीक हेल्थ नंबर होगा जिस पर आप स्वयं अपना डेटा अपलोड कर पाएंगे जिसमे आपको असाग अलग फ़ाइल को ले जाने या डॉक्टर को हर एक बीमारी या पुराने इलाज के बारे में बताने की जरूरत नही होगी।
डिजिटल हेल्थ कार्ड आपकी पर्सनल डिटेल्स के जरिए बनाया जाएगा| आधार कार्ड या सिटीजन के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके ID बनाई जाएगी और हैल्थ रिकॉर्ड (Health Record) को मेंटेन करने के लिए एक आईडेंटिफायर के रूप में काम करेगी।
सिस्टम डेमोग्राफिक लोकेशन, कांटेक्ट डिटेल्स सहित कुछ जरूरी जानकारी के माध्यम से यह कार्ड या आईडेंटिफायर बनाया जाएगा। आपकी सहमति से इस जानकारी को हेल्थ ID से जोड़ा जाएगा। NDHM की वेबसाइट के अनुसार, ‘पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड-सिस्टम (PHR)’ नामक जानकारी एक व्यक्ति को अपने हेल्थ केयर (Healthcare) के बारे में जानकारी को मैनेज करने में सक्षम बनाएगी।
डिजीटल हेल्थ कार्ड योजना क्या है ? | What is Digital Health Card Mission?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भारत के हर नागरिकों को बेहतर और सुविधाजनक हैल्थ डेटा के लिए एक डिजिटल Health ID प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत एक यूनिक आईडी प्रदान करने की शुरुआत की, जिसमें रजिस्टर्ड नागरिक का पुराना पूरा ब्यौरा होगा।
डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID Card) का नैशनल लेवल पर रोलआउट राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना द्वारा किया जा रहा है।
अभी ट्रायल बेस पर, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के तहत एक लाख से ज्यादा यूनिक हेल्थ ID बनाई गई हैं, जिसे शुरू में 15 अगस्त को पायलट आधार पर छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अंडमान, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमन व दीव, लद्दाख, औऱ लक्ष्यद्वीप में किया गया जहां ट्रायल के बाद अब हेल्थ कार्ड बनाना शुरू हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन क्या है?
भारत सरकार ने जिस तरह आम लोंगो के लिए जन-धन, आधार और मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी की डिजिटल पहल शुरू की हैं.
(National Digital Health Mission) उसी के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी पर्सनल इंफॉर्मेशन की प्रोटेक्शन, प्राइवेसी और निजता को सुनिश्चित करते हुए डेटा, इंफॉर्मेशन का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा.
(Unique Digital Health ID) इस अभियान के अंतर्गत सिटीजन की सहमति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जा सकेगा. हलाँकि यह आम जनता की निजता का उल्लंघन के सवाल भी उठेंगे क्योंकि किसी व्यक्ति को क्या बीमारी है यह अब सरकार को भी पता रहेगा, देखना होगा क्या यह एन्क्रिप्टेड रहता है या नही।
हेल्थ आईडी कैसे बनवाएं ? | How to Create Health ID Card ?
डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनवाने के लिए आने वाले समय मे आप पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या कोई भी हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है. आने वाले समय मे इसे CSC आईडी या मैन्युअल भी बनाया जा सकेगा।
इस वेबसाइट पर जाकर आप और अधिक जानकारी पा सकते हैं।
https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं.
डिजिटल Health ID के जरूरी सवालों के जवाब
आपका Health ID Card कैसे बनेगा ?
अपना Health ID Card 3 स्टेप्स में बनाये
मोबाइल नंबर या आधार नंबर की मदद से कुछ बेसिक जानकारी देकर आप हेल्थ आईडी जनरेट कर सकते हैं.
- इसके लिए हेल्थ आईडी वेब पोर्टल या गूगल प्लेस्टोर से NDHM हेल्थ रिकॉर्ड अप्लीकेशन डाउनलोड करके सेल्फ-रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
- मोबाइल नंबर से हेल्थ आईडी जनरेट करने के लिए नाम, जन्म का साल, जेंडर, एड्रेस और मोबाइल नंबर बताना होगा.
- आधार के हेल्थ आईडी जनरेट करते समय नाम, जन्म का साल, जेंडर, एड्रेस, मोबाइल नंबर और आधार नंबर की जानकारी देनी होगी.
फिलहाल हेल्थ आईडी के लिए आधार अनिवार्य नहीं है. जल्द ही NDHM ऐसे फीचर लाएगा, जो अन्य आईडी डॉक्यूमेंट्स जैसेकि PAN कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए हेल्थ आईडी जनरेट की जा सकेगी. रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया 10 मिनट से कम समय में पूरी हो जाएगी.
क्या Health ID बनवाना जरूरी है?
नहीं, हेल्थ आईडी बनवाना अनिवार्य नहीं है. कोई भी व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से हेल्थ आईडी जनरेट करने का ऑप्शन चुन सकता है. इस योजना को छोड़ने के लिए यूजर अपनी हेल्थ आईडी स्थायी रूप से डिलिट या अस्थायी रूप से डिएक्टिव कर सकता है.
अगर आप पासवर्ड भूल जाए तो कैसे लॉगिन करें?
अगर अपना पासवर्ड भूल जाते हैं, तो रजिस्टर्ड मोबाइल पर OTP या आधार लिंक्ड मोबाइल OTP के जरिए हेल्थ आईडी लॉगइन कर सकते हैं और नया पासवर्ड बना सकते हैं. हालांकि इसके बाद भी अगर किसी तरह की दिक्कत आती है तो ndhm@nha.gov.in पर मेल कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1800-11-4477 / 14477 पर कॉल कर सकते हैं.
आपका हेल्थ डेटा कौन देख सकेगा?
आपके हेल्थ डेटा का एक्सेस बिना आपकी मंजूरी के किसी को नहीं मिलेगा. आप देश में कहीं भी वेरिफाइड डॉक्टर को इसका एक्सेस दे सकते हैं. यह एक्सेस आपके संबंधित हेल्थ केयर सेंटर, क्लिनिक या अस्पताल में 14 डिजिट का दर्ज कराने और ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगा. अगर आपको लगता है कि एक्सेस कैंसल करना है, तो आपके पास इसका एक्सेस होगा।
क्या हेल्थ डाटा सेफ है?
हेल्थ आईडी कार्ड में आपका पूरा मेडिकल डाटा स्टोर होगा. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या यह डाटा सेफ होगा. इस बारे में NDHM का कहना है कि वह किसी का हेल्थ रिकॉर्ड सेव नहीं करता है. इसमें व्यक्ति का हेल्थ रिकॉर्ड हेल्थकेयर इन्फॉर्मेशन प्रोवाइर्स के पास उसकी रिटेंशन पॉलिसी के तहत स्टोर होता है.
वह NDHM नेटवर्क पर आपकी मंजूरी के बाद इनक्रिप्शन मैकेनिज्म में साझा किया जाता है. आपकी बिना परमिशन कोई डाटा शेयर नहीं किया जाएगा. इस हेल्थ आईडी कार्ड के जरिए आपका डॉक्टर केवल एक बार आपका डाटा देख सकता है. अगर आप डॉक्टर के पास दोबारा जाते हैं, तो वह फिर से आपसे एक्सेस लेगा.
(हालांकि हमारे मुताबिक, सरकार के पास इसकी एक्सेस होगी औऱ यह एन्क्रिप्टेड नही है तो सरकार या उनका कोई भी अधिकारी इसे देख पायेगा। हालांकि डॉक्टर जब इसे लॉगिन करेंगे तो वहां से स्क्रीनशॉट के जरिये इसे रख सकते हैं।)
बच्चों का भी हेल्थ कार्ड होगा?
इस फीचर को डेवलप किया जा रहा है, इसे जल्द रोलआउट किया जाएगा. आने वाले समय में आप अपने बच्चे की हेल्थ आईडी जनरेट कर सकेंगे और इस तरह आपको बच्चे के जन्म से उसका हेल्थ रिकॉर्ड बनाने की सुविधा मिल जाएगा.
डिजिटल हेल्थ कार्ड में कौनसी जानकारियां रहेंगी ?
डिजिटल हेल्थ कार्ड में, आप अबसे जो भी डॉक्टर को कंसल्ट करेंगे वहां सभी रिपोर्ट औऱ बीमारी एवं बीमारी में दी जाने वाली दवाएं व उनका क्या असर रहा, आपके इलाज की सारी जानकारी होगी।
जिस तरह आधार कार्ड या समग्र आईडी में आपकी समक्ष जानकारी होती है इस हेल्थ आईडी में भी आपके इलाज की सम्पूर्ण जानकारी होगी। आप खुद से पिछली रिपोर्ट्स को भी अपलोड कर पाएंगे।
दडिजिटल आयुष्मान कार्ड या डिजिटल हेल्थ कार्ड जरूरी क्यों है?
ndhm.gov.in पर कोई भी व्यक्ति आसानी से अपना रेगिसस्ट्रेशन कर सकता है। यहां से कार्ड बनने के बाद आप किसी भी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे, तो वहां डॉक्टर आपका पुराने रिकॉर्ड को डिजिटल फॉरमेट में देख पाएंगे। आप अगर देश के किसी भी अस्पताल में इलाज करातें हैं तो वहां भी आपका यूनिक आईडी देखा जाएगा।
इससे बार बार होने वाली जांचों से निजात मिलेगी और समय के साथ साथ पैसा भी बचेगा। हालांकि कार्ड बनने के बाद पुरानी रिपोर्ट्स को अपको स्वयं ही अपलोड करना होगा।
जब आप किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए जाएंगे तो वहां अस्पताल प्रसासन को ही एक डेटा ऑपरेटर अरेंज करना होगा तथा वही पे वह आपके 14 अंक के यूनीक नंबर पर अपलोड कर दी जाएगी। और आपको बता दें डेटा अस्पताल में नही डेटा सेंटर में ही स्टोर होंगे।