इनकम टैक्स क्या हैं? सरकार हमसे इनकम टैक्स क्यों लेती है?

इनकम टैक्स (Income-Tax) एक कर है, इनकम टैक्स को हिंदी में आयकर कहते है, ये टैक्स सरकार व्यवसाय (Business) और व्यक्तियों (Individuals) द्वारा उत्पन्न आय पर टैक्स लगाकर प्राप्त करती है। कानून के अनुसार करदाताओं को अपने टैक्स को प्रत्येक वर्ष एक इनकम रिटर्न के हिसाब से दाखिल (Pay) करना की होगा। और आप इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे की इनकम टैक्स क्या है, सरकार हमसे इनकम टैक्स क्यों लेती है?

आयकर (Income-Tax) क्या है?

यदि आपकी आय (Income) एक निश्चित राशि से अधिक है, तो आपको आयकर का भुगतान करना ही होगा। ज्यादा पैसा कमाने वाले कर्मचारियों (व्यक्ति) को कर कटौती (TDS) के रूप में इनकम टैक्स का भुगतान करना ही पड़ता है। और ज्यादा कमाई वाले को एडवांस टैक्स के रूप में, इनकम टैक्स जमा करना पड़ता है।

आयकर अर्जित और अनर्जित आय पर लागू होता है। यानी अधिक कमाई करने वाले आम तौर पर कम कमाई करने वाले की तुलना में अधिक इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं।

इनकम टैक्स आपको किसी भी प्रकार से कमाई गई आय पर देना ही पड़ता है जैसे- वेतन, कमीशन, लाभांश, ब्याज, घर का किराया आना या किसी भी प्रकार से आय का प्राप्त होना।  

ये टैक्स ऐसा टैक्स होता है जब कोई पैसा कमाता है तो सरकार उसका एक छोटा हिस्सा टैक्स के रूप में लेती है। हालांकि ये टैक्स हर किसी से नहीं लिया जाता, बल्कि एक निश्चित राशि से अधिक कमाने वाले लोग ही देते हैं। अलग-अलग तरह की इनकम पर अलग-अलग नाम से अलग-अलग टैक्स लगता है। जैसे- एडवांस टैक्स, टीडीएस, टीसीएस, वेल्थ टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, प्रोफेशनल टैक्स आदि। 1961 में पारित इनकम टैक्स अधिनियम (Act) के तहत सरकार को लोगों से कर वसूलने का अधिकार है।

सरकार हमसे इनकम टैक्स क्यों लेती है?

इनकम टैक्स, सरकार देश को चलाने और जनता को सेवाएं प्रदान करने जैसी आवश्यक कार्यों के लिए भुगतान करने में मदद करने का एक तरीका है। सरकार को अपना पैसा टैक्स से मिलता है। सरकार को अपने विभागों और योजनाओं को चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है। यह देश के विकास में मदद करने, जनता को सेवाएं प्रदान करने और सरकारी कार्यक्रमों के लिए भुगतान करने के लिए लोगों से कर एकत्रित किया जाता है। 

इनकम टैक्स कोन भरता है?

इनकम टैक्स अधिनियम के मुताबिक (According) कोई भी व्यक्ति या व्यवसाय जो पैसा कमा रहा है उसे इनकम टैक्स भरना ज़रूरी है। हालांकि वर्तमान में आय पर टैक्स सिर्फ उन्हें ही को भरना पड़ता है जिनकी सालाना कमाई 2.5 लाख रुपयों से ज्यादा है उन्हें 2.5 लाख रुपय में से 5% के हिसाब से टैक्स भरना पड़ता है। और जिनकी सालाना कमाई 2.5 लाख रुपयों से कम है उन्हे किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं भरना पड़ता है। उदाहरण में समझिये इनकम टैक्स कितना भरना पड़ता है। 

उदाहरण-  2.50 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री है. इसके बाद के 2.5 लाख रुपये अधिक इनकम पर 5 % के हिसाब से टैक्स लगता है, जो 12,500 रुपये बनता है, वही 6 लाख रुपये की सालाना सैलरी पर 23,400 रुपये की टैक्स लगता है। 

टैक्स कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में, विभिन्न प्रकार के टैक्स हैं इन टैक्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गयी है?

  • प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
  • अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
  • अन्य कर (Other Tax)

प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)

प्रत्यक्ष कर वे कर होते हैं जिनका भुगतान लोगों या व्यवसायों द्वारा उनकी भुगतान करने की क्षमता के आधार पर किया जाता है। वे आमतौर पर उन लोगों या व्यवसायों के लिए अधिक महंगे होते हैं जिनके पास अधिक पैसा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्यक्ष कर सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है, इसलिए इसे किसी अन्य संस्था (Other Institution) को नहीं दिया जा सकता है। प्रत्यक्ष करों के कुछ लाभ यह हैं कि यह मुद्रास्फीति (Inflation) को रोकने में मदद करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि समाज में समान रूप से धन का प्रसार हो सके। 

प्रत्यक्ष कर का बोझ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। प्रत्यक्ष कर व्यवसायों और व्यक्तियों पर लगाए जाते हैं, और केवल वे ही उन्हें भुगतान करने के जिम्मेदार होते हैं। समय पर कर का भुगतान न होने पर जुर्माना और कारावास भी हो सकता है। प्रत्यक्ष कर में आयकर (Income Tax), निगमित कर(Corporate Tax), संपत्ति कर (Property Tax), विरासत पर कर (Inheritance Tax) and उपहार कर (gift tax) ये कर प्रत्यक्ष।

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)

अप्रत्यक्ष कर सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए करदाता (Taxpayer) पर लगाया जाने वाला कर है। अप्रत्यक्ष कर प्रत्यक्ष कर की तरह आय, बिक्री या लाभ पर नहीं लगाया जाता है, इस कर को व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह सीधे किसी व्यक्ति की आय पर नहीं लगाया जाता है। 

इस प्रकार का टैक्स भारत के गरीब और अमीर सभी लोग देते है। यदि आप अप्रत्यक्ष करों को समझते हैं, तो आप जानते हैं कि जब आप बाजार से कुछ खरीदते हैं, तो जो कर पहले से ही मूल्य में जोड़ा जाता है उसे GST (वस्तु एवं सेवा कर) के रूप में जाना जाता है। GST दो प्रकार के होते है – SGST और CGST एक केन्द्र सरकार और दूसरा राज्य सरकार द्वारा वस्तुओं पर लगाया जाता है। SGST और CGST ये दोनों कर अप्रत्यक्ष कर के अंतर्गत में ही आते है। 

अन्य कर (Other Tax)

अन्य कर सरकार प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर के अलावा नीचे दिए गए विभिन्न प्रकार के टैक्स भी लेता है:-

रोड टैक्स और टोल टैक्स (Road tax and Toll tax) – यह कर सड़कों पर चलने वाले वाहनों से एकत्र किया जाता है ताकि विभिन्न प्रकार की मरम्मत जैसे सड़क की मरम्मत और प्रकाश व्यवस्था (Lighting Arrangement) की जा सके।

शिक्षा उपकर (Education Cess)- इस कर का उपयोग भारत सरकार द्वारा छात्रों के लिए शिक्षा को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है।

मनोरंजन कर- (Entertainment Tax)- सरकार टेलीविज़न शो, मूवी, आर्ट शो और बहुत कुछ पर भी टैक्स लगाती है। इसे मनोरंजन कर कहा जाता है।

संपत्ति कर (Property Tax)- संपत्ति कर एक ऐसा कर है जो नगर पालिका अधिकारियों द्वारा संपत्ति के मालिकों पर लगाया जाता है। जैसे पंचायत, नगर पालिका या नगर निगम द्वारा उन लोगों पर लगाया जाता है जिनके पास संपत्ति होती है। इस कर का उपयोग शहरी क्षेत्र में सड़कों (The Streets), जल प्रणाली (Water system), प्रकाश व्यवस्था (Lighting Arrangement), पार्कों (Parks) और अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसी चीजों के भुगतान के लिए किया जाता है। 

व्यावसायिक कर (Professional Tax)- जो लोग वेतन (Salary) नही पाते केवल अपने पेशे (Profession) से पैसे कमाते जैसे की डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट इत्यादि इन लोगों पर व्यावसायिक कर लगाया जाता है ।

प्रवेश कर (Entry Tax)- यह एक ऐसा कर है जो तब लगाया जाता है जब उत्पादों या वस्तुओं को किसी एक राज्य से नए राज्य में लाया जाता है। यह टैक्स दिल्ली, असम, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसी राज्यों  पर सरकार द्वारा लगाया जाता है।

FAQ – Income Tax in Hindi 

टैक्स के कितने प्रकार है? 

भारत में इनकम टैक्स तीन प्रकार के है प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, और अन्य कर 

टैक्स क्यों लगाया जाता है? 

सरकार को अपने विभागों और योजनाओं को चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है। यह देश और राज्यों के विकास के लिए और जनता को सुविधाएं प्रदान करने के लिए लोगों से कर एकत्र करता है।

इनकम टैक्स कितनी आय पर देना पड़ता है?

भारत में नौकरी, व्यवसाय या पेशे से पैसा कमाने वाले लोगों को इनकम टैक्स देना होता है। इनकम टैक्स साल की 2.5 लाख रुपये अधिक आय पर इनकम टैक्स देना होता है? और ये टैक्स 2.5 लाख रुपये अधिक इनकम पर 5 % के हिसाब से टैक्स लगता है। 

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