बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bse) इंडेक्स पर कारोबारी दिन के अंत में शेयर की कीमत 9.55 रुपए थी। 1 मार्च, 2023 को शेयर का 52 हफ्ते का निचला स्तर 7.85 रुपये है। वहीं, 11 अप्रैल, 2022 को शेयर 23.30 रुपये के 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
Stock Crashed 1 मार्च से अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल के शेयरों में ट्रेडिंग फिर से शुरू हो गई है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को रिलायंस कैपिटल के शेयरों ने 5% अपर सर्किट लग गया। Bse इंडेक्स पर कारोबारी दिन के अंत में शेयर की कीमत 9.55 रुपए थी। 1 मार्च, 2023 को शेयर का 52 हफ्ते का निचला स्तर 7.85 रुपये है। वहीं, 11 अप्रैल, 2022 को शेयर 23.30 रुपये के 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। कंपनी का मार्केट कैप 241.34 करोड़ रुपए है।
2008 में इस शेयर का भाव 2770 था
जनवरी 2008 में रिलायंस कैपिटल के शेयर की कीमत 2770 रुपये के स्तर तक चली गई थी। यह लगभग वही समय था जब दुनिया भर के शेयर बाजार मंदी से प्रभावित थे। भारतीय बाजार में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। हालांकि इसके बाद रिलायंस कैपिटल मुश्किल में पड़ने लगी और इसका असर शेयर पर भी आने लगा। अब कंपनी दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है।
आपको बता दें कि अगर किसी निवेशक ने 2008 में 2770 रुपये की दर से एक लाख रुपए के शेयर खरीदे होते और अभी अपना निवेश रखा होता तो यह रकम इस समय घटकर महज 324 रुपये रह जाती।
दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी
बता दें कि दिवाला की प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने रिलायंस कैपिटल के लिए 8,640 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। लेकिन, नीलामी को लेकर कंपनी का मामला नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के सामने लाया गया था। NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश को निरस्त करते हुए कहा है कि ऋणदाताओं की समिति (COC) के पास ऊंची बोली लगाने का अधिकार है। इसके साथ ही COC को दो सप्ताह बाद बोलियां लगाने की अनुमति दी है।