जैसे कि आप जानते हैं कोई भी व्यक्ति अपने छोटे, बड़े काम या कोई भी खर्चे या निवेश का एक बजट (Budget) बना कर ही करता है। उसी तरह से सरकार भी अपने महत्वपूर्ण आय, वित्तीय या आर्थिक काम बजट बनाकर ही करती है। आप भी बजट (Budget) बारे में जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे की बजट क्या है? बजट कितने प्रकार होते है, बजट इतना महत्वपूर्ण क्यों है, और केंद्रीय व रेल बजट क्या है |
बजट क्या है? What is budget?
बजट अपनी आर्थिक स्तिथि के हिसाब से बनाया जाता है। अपने पैसो को खर्च कहाँ, कैसे और कब करना है इस योजना को बजट बनाना कहते है। इस योजना को बनाने से पहले आप निर्धारित कर लेते है की किन-किन चीजों लिए आपके पास पर्याप्त पैसे है। इसी प्रकार सरकार देश चलने के लिए एक बजट बनाती है। बजट वित्तीय विभाग (Financial Department) द्वारा बनाया जाता है।
देश के बजट में फण्ड GST (Goods and Services Tax) इनकम टैक्स (Income Tax) कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) आदि संस्थानो से वित्तीय विभाग में फण्ड आता है उस फण्ड से वित्तीय विभाग एक बजट जारी करती है।
बजट एक निश्चित समय पर लागु होता है। जो 1 फरवरी को हर साल वित्त मंत्री (Finance Minister) लेकर आते है। ये बजट एक बर्ष के लिए होता है। इस बजट को 1 अप्रैल से लागु कर दिया जाता है, जो 31 मार्च तक रहता है |
बजट कितने प्रकार के होते है? How many types of budget are there?
बजट तीन प्रकार के होते हैं संतुलित बजट (Balance Budget), अधिशेष बजट (Surplus Budget) और घाटे का बजट (Deficit Budget)।
संतुलित बजट (Balance Budget)
इस बजट में अनुमान लगाई गई ‘आय और खर्च’ एक बराबर होते है। संतुलित बजट से मतलब हे की जब किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल कमाई और कुल खर्च के आंकड़े बराबर होते हैं तो उसे संतुलित (Balance Budget) बजट कहते हैं।
अधिशेष बजट (Surplus Budget)
इस बजट में अनुमान लगाई गई आय से खर्च कम होते है। अधिशेष बजट से मतलब हे की जब किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल कमाई से कुल खर्च के आंकड़े कम होते हैं तो उसे अधिशेष बजट (Surplus Budget) बजट कहते हैं।
घाटे का बजट (Deficit Budget)
इस बजट में अनुमान लगाई गई आय से खर्च अधिक होता है। घाटे का बजट से मतलब हे की जब किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल कमाई से कुल खर्च के आंकड़े अधिक होते हैं तो उसे घाटे का बजट (Deficit Budget) बजट कहते हैं।
बजट इतना महत्वपूर्ण क्यों है? Why is budget so important?
सरकार को बजट बनाने की जरूरत इसलिए पड़ती है, देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को सही ढंग से बनाये रखे यानी की पटरी पर रखा जा सके क्योकि आय और खर्च की कोई योजना नहीं होगी तो आय के मुकबले खर्चे बढ़ जायेंगे और ऐसा होगा तो देश की अर्थव्यवस्था को भी गहरा असर पड़ सकता है।
सरकार की कुछ राजनैतिक, सामाजिक और वित्तीय जिम्मेदारी होती है। और भारत जैसे देश में तो ये बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। जनता से वादे किये हुए धन का सही उपयोग और सामान्य जरूरतों पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। अगर देश की वित्तीय स्थिति (Financial Condition) को ठीक रखना है तो उसे एक बेहतर बजट बनाना ही पड़ता है|
केंद्रीय बजट क्या है? What is Union Budget?
‘केंद्रीय बजट’ केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाता है, ये बजट सबसे बड़ा बजट हे जो हर वर्ग के व्यक्ति को समझ कर बनाया जाता है जिसे आम जनता का बजट भी कहते है | केंद्रीय बजट बिल की रूप में लागु होते है | हर साल नए नियम व कानून लागू होते है|
केंद्रीय बजट के कई छोटे-छोटे काम है | जैसे- सेवा कर (Service Tax), कर प्रावधान (Tax Provision), आबकारी कर दायित्व (Excise Tax Liability), कस्टम ड्यूटी (Custom Duty), शिक्षा (Education), निवेश (Investment) राजस्व व व्यय (Revenue and Expenditure), व्यक्तिगत आयकर (Personal Income Tax), निगम एवं सामूहिक कर (Corporation and Collective Tax), अन्य प्रावधान (Other Provision) यह काम केंद्रीय बजट द्वारा संचालित किया जाता है|
रेल बजट क्या है? What is Rail Budget?
रेल का वित्तीय रिपोर्ट्स हर साल दिया जाता था | जिसे रेल बजट कहते है इस बजट को रेल मंत्रालय द्वारा प्रतुस्त किया जाता था लेकिन इस बजट को 21 सितम्बर 2016 को भारत सरकार ने निर्णय लिया की अब इस बजट को आम बजट में सामिल कर दिया गया है | इस बजट में भी कई छोटे-छोटे काम होते है जैसे नई ट्रेन्स का लागु होना, यात्रिओं के लिए ई-रेलवे सुविधाएं, इंटरनेट द्वारा सुविधाए आदि सुविधाएं दी जाती है |
FAQ – Budget in Hindi
बजट कौन बनाता है?
बजट वित्तीय विभाग (Financial Department) द्वारा और वित्तीय विभाग से सम्बंधित मंत्रालय के साथ से तैयार किया जाता है | जिसे 1 फरवरी को वित्तीय मंत्री द्वारा पेश किया जाता है |
बजट कितने प्रकार के होते है?
बजट तीन प्रकार के होते हैं संतुलित बजट (Balance Budget), अधिशेष बजट (Surplus Budget) और घाटे का बजट (Deficit Budget)।
भारत के पहला बजट कब बनाया गया था?
भारत का पहला बजट 18 फरवरी 1860 को पेश किया गया था | जब भारत अंग्रेजो का गुलाम था | भारत आजाद होने के बाद भारत का पहला बजट वित्तीय मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी (R. K. Shanmukham Chetty) ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था |
बजट का नियम किसने बनाया था?
बजट का नियम जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को परिषद में पहली बार बजट पेश किया था | उन्होंने ने ब्रिटिश वित्तीय मंत्री की तरफ से भारत में वित्तीय स्थिति का सर्वेक्षण (Survey) करके बजट पेश किया था |
भारत में बजट कब पेश होता है?
भारत में बजट एक निश्चित समय पर लागु होता है। जो 1 फरवरी को हर साल वित्त मंत्री (Finance Minister) लेकर आते है। ये बजट एक बर्ष के लिए होता है। इस बजट को 1 अप्रैल से लागु कर दिया जाता है, जो 31 मार्च तक रहता है |