जैसा कि आप जानते हैं बजट किसी भी देश की दशा और दिशा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और हर देश का अपना एक बजट होता है, जिससे कि वह अपने खर्चों और आय को भली-भांति से नियंत्रित रख सके। अगर आप बजट (Budget) बारे में जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल द्वारा जानेंगे कि सरकारी बजट क्या है, कितने प्रकार और क्या उद्देश्य है?
सरकारी बजट क्या है
बजट भारत सरकार की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कई दस्तावेज तैयार किये जाते है जिससे यह तय किया जाता है की आने वाले समय में कहाँ कहाँ पर आय और व्यय किया जायेगा।
भारत में हर साल नया बजट आता है, जो भारत की साल भर की दिशा को बताता है, यह उतना ही जरूरी है जितना की एक आदमी अपनी आय व कमाई के आधार पर साल भर की योजना बनाकर काम करता है ताकि उस पर कोई कर्ज या भार पैदा न हो।
केंद्रीय बजट या आम बजट को हर साल देश के वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है, बजट को भारत के वर्तमान (Current) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी पेश करेंगी।
बजट आने के बाद पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है, बजट आने के बाद पता चलता है कि बजट का प्रभाव सकारात्मक (Positive) हुआ है या नकारात्मक (Negative)।
तो चलिए जानते हैं कि बजट आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर कैसे असर पड़ता है। इसे जानने के लिए हमे आय और व्यय को समझना पड़ेगा।
सरकारी बजट के प्रकार
भारत में बजट को मुख्य रूप से तीन रूपों में विभाजित किया गया है, संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट। यह बजट इस बात पर आधारित है कि एक वित्त वर्ष में भारत का खर्च सरकारी राजस्व के बराबर, उससे कम या उससे अधिक है।
संतुलित बजट (Balanced Budget)
इस बजट में अनुमान लगाई गई ‘आय और खर्च’ एक बराबर होते है। संतुलित बजट से मतलब है की जब किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल कमाई और कुल खर्च के आंकड़े बराबर होते हैं तो उसे संतुलित (Balance Budget) बजट कहते हैं।
अधिशेष बजट (Surplus Budget)
इस बजट में अनुमान लगाई गई आय से खर्च कम होते है। अधिशेष बजट से मतलब है की जब किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल कमाई से कुल खर्च के आंकड़े कम होते हैं तो उसे अधिशेष बजट (Surplus Budget) बजट कहते हैं।
घाटे का बजट (Deficit Budget)
इस बजट में अनुमान लगाई गई आय से खर्च अधिक होता है। घाटे का बजट से मतलब है कि जब किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल कमाई से कुल खर्च के आंकड़े अधिक होते हैं तो उसे घाटे का बजट (Deficit Budget) बजट कहते हैं।
सरकारी बजट तैयार करने की प्रक्रिया।
सरकार का बजट इस बात की योजना है कि आने वाले वर्ष में सरकार कितना पैसा खर्च करेगी। भारत में बजट बनाने की प्रक्रिया संसद में पेश होने से छह महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न प्रशासनिक निकायों (Administrative Bodies) से जानकारी एकत्रित करना पड़ता है। इस जानकारी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार को कितने पैसे की जरूरत है।
देश का बजट बनाने की जिम्मेदारी वित्त मंत्री की होती है। वह बजट पर अपने विचार जानने के लिए हर दिन कई अलग-अलग लोगों जैसे वित्त सचिव, राजस्व सचिव और व्यय सचिव से बात करते है, ताकि पैसे खर्च करने के तरीके पर उनकी राय ली जा सके। और फिर वे सभी सरकारी विभागों से डेटा मांगते हैं। एक बार उनके पास यह जानकारी प्राप्त हो जाने के बाद, वित्त मंत्रालय बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर देते है।
बजट टीम अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर ऐसा बजट बनाने का काम करती है जो सभी लोगों के हित में हो। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बजट सटीक और किसी के पक्ष में न हो।
सरकारी बजट के उद्देश्य
वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय के लिए संसद के पास सारी योजना है। लेकिन बजट में कई अलग-अलग उद्देश्य होते हैं, और आपको नीचे हर एक उद्देश्य के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
आर्थिक स्थिरता (Economic Stability)
बजट के माध्यम से सरकार का मुख्य लक्ष्य देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को स्थिर रखना है। सरकार ऐसा आर्थिक बजट बनाकर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश करती है।
आर्थिक वृद्धि (Economic Growth)
किसी देश की अर्थव्यवस्था का विकास उस देश में निवेश की गई राशि पर निर्भर करता है। जब वस्तुओं और सेवाओं की मांग कम हो जाती है, तो सरकार अर्थव्यवस्था को पहले जैसे स्तर पर वापस लाने में मदद के लिए कुछ निवेश (Invest) कर सकती है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग (Public Sector Industries)
सरकार अपने बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग के लिए अलग से धनराशि निर्धारित करती है, जिसका उपयोग वह जनता को लाभ पहुंचाने के लिए करती है।
संपत्ति और आय को कम करना (Reduce Assets and Income)
सरकार अमीरों पर टैक्स लगाकर और लोक कल्याण कार्यक्रमों पर अधिक खर्च करके धन वितरण को प्रभावित करने की कोशिश करते है।
कमजोर संसाधनों का पुनर्वितरण (Redistribution of Scarce Resources)
सरकार का लक्ष्य अपने बजट का उपयोग संसाधनों में इस तरह करने के लिए जिससे देश में सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को सुधारने में मदद मिले।
FAQ – Budget 2023 in Hindi
संतुलित बजट का क्या नुकसान है?
एक संतुलित बजट महत्वपूर्ण है, लेकिन किसी देश को कठिन समय में स्थिर रखने के लिए हमेशा पर्याप्त नहीं होता है। संतुलित बजट का मतलब है कि सरकार जितना कमाती है उससे ज्यादा खर्च नहीं कर सकती।
सरकारी बजट (केंद्रीय बजट) कितने प्रकार के होते हैं?
सरकारी बजट या केंद्रीय बजट तीन प्रकार के होते है, पहला संतुलित बजट (Balanced Budget), दूसरा अधिशेष बजट (Surplus Budget) और तीसरा घाटा बजट (Deficit Budget)।
घाटे का बजट क्या है?
घाटे का बजट तब होता है जब सरकार का खर्च उसकी आय से अधिक हो जाता है। यह आमतौर पर तब होता है जब सरकार पैसे उधार लेती है, क्योंकि उसके पास पर्याप्त पैसा नहीं आता है।
सरकार को घाटा कितने प्रकार से हो सकता है?
सरकार को घाटा तीन प्रकार से हो सकता है- राजस्व घाटा, राजकोषीय घाटा और प्राथमिक घाटा।
घाटे के बजट का क्या फायदा होता है?
बेरोजगारी या मंदी होने पर घाटे का बजट अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने में मदद करता है।
बजट के पाँचों चरण में क्या होता है?
पहले चरण में बजट की रूपरेखा तैयार की जाती है। दूसरे चरण में बजट के लिए दस्तावेज तैयार किया जाता है। तीसरे चरण में, बजट को अनुमोदन के लिए संसद में लाया जाता है। चौथे चरण में बजट लागू किया जाता है और पांचवें चरण में वित्तीय रिपोर्ट बनाई जाती है।